पत्नी को शराब पीने की आदत दिलाने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचा पति
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश के भोपाल में फैमिली कोर्ट के काउंसलर एक अजीबो-गरीब केस में उलझे हुए हैं। यहां एक दंपती शराब के सेवन को लेकर परेशान है। दूसरे मामलों जिसमें अक्सर पत्नियां पति के शराब पीने की आदत से परेशान रहती हैं, से यह केस उल्टा है। यहां पति चाहता है कि उसकी पत्नी कम से कम फैमिली फंक्शन में ही शराब पीना शुरू करे, जब दूसरे सदस्य शराब पीते हैं।
काउंसलर शैल अवस्थी ने कहा, ‘यह काफी अलग मामला है और इस तरह का केस मैंने पहली बार सुना है। यह एक मिडिल क्लास फैमिली है, बहुत ज्यादा पैसे वाली नहीं है और पति प्राइवेट जॉब करता है। पति का पूरा परिवार, उसकी मां, पिता, भाई-बहन, भतीजा हर किसी को फैमिली फंक्शन में शराब पीना पसंद है लेकिन पत्नी को नहीं।
शादी के कुछ समय बाद ही बढ़ गया विवाद
शुरुआत में सब सही था लेकिन धीरे-धीरे ससुराल वालों ने पत्नी पर शराब पीने और उन्हें कंपनी देने का दबाव बनाया। उसने इनकार कर दिया और यहीं से विवाद शुरू हो गया। काउंसलर ने यह भी बताया कि वह कोई नवविवाहित जोड़ा नहीं था उनकी शादी से उन्हें तीन बच्चे भी थे, जिनकी उम्र 9, 6 और 4 साल थी। उनके बीच विवाद शादी के समय के थोड़े दिन बाद से ही चल रहा था लेकिन अब हर दिन समस्या बड़ी होने की वजह से अब वह काउंसलर की मदद ले रहे हैं।
ससुराल वाले बहू को कंपनी देने के लिए कहते थे
शैल अवस्थी ने बताया, ‘इस मामले में बहस होने पर पत्नी अक्सर अपने बच्चों को साथ लेकर मायके चली जाती थी। उसने शराब को छूने तक से इनकार कर दिया क्योंकि उसके परिवार में कोई भी इसका सेवन नहीं करता। लेकिन उसने अपने पति को भी इसे छोड़ने के लिए नहीं कहा क्योंकि उसे लगता है कि यह उनके परिवारिक संस्कृति का हिस्सा है। हालांकि पत्नी का पार्टी में केवल जूस या सॉफ्ट ड्रिंक पीना ससुराल वालों को रास नहीं आ रहा था। साल बीतने के बाद टेंशन और बढ़ गया क्योंकि उसकी सास शराब पीती थी और अपनी बहू को भी कंपनी देने के लिए कहती थी लेकिन जब उसने इनकार कर दिया तो सभी नाराज हो गए।‘
काउंसलर ने कहा- पत्नी को शराब पसंद नहीं तो जोर न डालें
महिला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसे शराब पीना पसंद नहीं है और न ही यह चाहती है कि उसके बच्चे सोचें कि वह शराबी है। इस वजह से दंपती ने काउंसलर की मदद लेने पर विचार किया क्योंकि मामला हाथ से जा चुका था, और दोनों में से कोई भी पार्टी समझौते के पक्ष में नहीं थी। काउंसलर ने पति और उसके परिवार को समझाने की कोशिश की कि अगर पत्नी को पसंद नहीं है तो शराब पीने के लिए जोर न डाले।