सिवनी से कटंगी रेल लाईन के मार्ग हो गए प्रशस्त

जबलपुर से नैनपुर, बालाघाट होकर गोंदिया डलेगी दूसरी लाईन, छिंदवाड़ा से सागर भी बनेगा रेल्वे ट्रेक, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की मुहिम पर रेल्वे मंत्रालय की मुहर
(लिमटी खरे)


सिवनी (साई)। बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में भोमा से सिवनी के रेलखण्ड का काम भले ही मंथर गति से चल रहा हो, पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की मुहिम पर रेल्वे मंत्रालय के द्वारा ठप्पा लगा दिया गया है। जल्द ही सिवनी से कटंगी मार्ग पर रेल की पटरियां बिछती नजर आएंगी।


रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा लगातार ही सिवनी से कटंगी के हिस्से को रेल मार्ग से जोड़ने की वकालत की जा रही थी, ताकि उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी न केवल कम की जा सके, वरन मथुरा, झांसी, बीना, इटारसी, नागपुर के रेलखण्ड पर यातायात का दबाव कम किया जा सके।


सूत्रों ने बताया कि इस मुहिम पर रेलवे बोर्ड ने अपनी मुहर लगा दी है। रेलवे मंत्रालय के द्वारा दक्षिण, पूर्व मध्य रेल्वे के बिलासपुर जोनल प्रबंधक को इस आशय के निर्देश दिए हैं कि सिवनी से बरघाट होकर कटंगी के हिस्से में पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार मार्ग में पड़ने वाली सरकारी, निजि भूमि, व्यवसायिक भूमि, पुल पुलियों आदि की बजटिंग (बजट बनाने की प्रक्रिया) को तत्काल पूरा किया जाए, ताकि इसे बजट में शामिल किया जा सके।


सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि दरअसल, जबलपुर से इटारसी होकर नागपुर के रास्ते दक्षिण भारत जाने वाली एवं झांसी से भोपाल, इटारसी नागपुर होकर दक्षिण भारत की ओर जाने वाली अनेक सवारी और माल गाड़ियों का रास्ता बदलने की कवायद उस समय से की जा रही थी जब इटारसी के इंटरलाकिंग पेनल में आग लगी थी और रेल गाडियों के पहिये लंबे समय तक थमे रहे थे।


सूत्रों ने बताया कि झांसी से मानिकपुर, सतना होकर जबलपुर के रास्ते नैनपुर, सिवनी, कटंगी होकर तिरोड़ी से नागपुर के रास्ते अनेक रेलगाड़ियों को दक्षिण भारत की ओर ले जाने की कवायद की जा रही है। इसमें सिवनी से कटंगी के हिस्से को जोड़ना शेष रह गया था। सिवनी से कटंगी जैसे ही रेल की पटरियों से जुड़ेगा वैसे ही सिवनी से होकर प्रतिदिन लगभग तीन दर्जस से ज्यादा माल गाड़ियां और एक दर्जन से ज्यादा सवारी गाड़ियां (यात्री मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर रेल गाड़ियां) यहां से होकर गुजर सकती हैं।

डलेगी जबलपुर गोंदिया दूसरी लाईन

सूत्रों ने आगे बताया कि जबलपुर से घंसौर, नैनपुर, बालाघाट होकर गोंदिया के वर्तमान रेलखण्ड के दोहरीकरण के लिए भी कार्ययोजना बनाए जाने की कवायद आरंभ कराई जा रही है।

छिंदवाड़ा से सागर भी जुड़ेगा सीधे

रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसके अलावा छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर होकर सागर के हिस्से में भी रेल लाईन बिछाने के लिए बजटिंग की प्रक्रिया आरंभ कराई जा रही है।


क्या होगा बजटिंग में!

सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में यह पूरी प्रक्रिया प्राथमिक चरण में है। इसके लिए जबलपुर, मण्डला, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर और सागर के जिला कलेक्टर्स को रेलवे के द्वारा पत्र लिखकर पूर्व में किए गए सर्वेक्षण के मार्ग में सरकारी, निजि, व्यवसायिक भूमियों को चिन्हित करने का आग्रह किया जा रहा है ताकि इनको अगर अधिग्रहित करना पड़े तो इसके लिए कितना मुआवजा देना होगा इसका अनुमान लगाया जा सके। साथ ही इन तीनों हिस्सों (जबलपुर से नैनपुर, बालाघाट होकर गोंदिया, सिवनी से बरघाट होकर कटंगी और छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर होकर सागर) में रेल की पटरी डालने, विद्युतीकरण आदि में कितना व्यय होगा इसका अनुमान लगाया जा सके, ताकि उतना बजट प्रावधान किया जा सके।

आज हम अवकाश पर हैं, इस बारे में बाद में आपको जानकारी दे पाएंगे.
पी.के. साह,
डिप्टी एसई, सर्वे,
एसईसीआर, बिलासपुर.