. . . तो 2019 से लिखी जा रही थी गौतम अड़ानी के इस प्रहसन की पटकथा!

टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा ने चार साल पहले ही गौतम अड़ानी को घेरकर मंशाएं कर दी थीं स्पष्ट!
(लिमटी खरे)


देश के व्यापारिक जगत में धूमकेतु की तरह उभरे गौतम अड़ानी का सितारा जिस तेजी से आसमान पर छाया था, उसी तेजी से अब वह अस्ताचल की ओर जाता दिख रहा है। गौतम अड़ानी के इस पतन की पटकथा शायद चार पांच सालों से लिखी जा रही थी, जिसे अमली जामा 2023 में ही पहनाया जा सका है।
नई दिल्ली में सत्ता के शीर्ष केंद्र रायसीना हिल्स स्थित साऊथ ब्लाक (प्रधानमंत्री कार्यालय) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दरअसल, त्रणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा के द्वारा 2019 में ही गौतम अड़ानी पर हमला बोलते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया गया था।
सूत्रों का कहना था कि टीएमसी सांसद माहुआ मोईत्रा के द्वारा 2019 से 2020 तक लगातार ही गौतम अड़ानी के द्वारा खरीदी जाने वाली संपत्तियों विशेषकर अधिगृहित की जाने वाली संपत्तियों पर सवालिया निशान लगाए थे। इसके बाद इसके पहले कि मामला तूल पकड़ता, गौतम अड़ानी के ट्रबल शूटर्स के द्वारा त्रणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को साध लिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि महुआ मोईत्रा के हमलों के तत्काल बाद ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा अपनी नाराजगी से टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा को आवगत कराते हुए गौतम अड़ानी को पश्चिम बंगाल बुलाया और उनकी बेहतरीन खातिरदारी करते हुए पश्चिम बंगाल में निवेश के लिए उनसे दरख्वास्त भी की थी।
इस पूरे प्रकरण के बाद 2020 में टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा को मीडिया ने भी आड़े हाथों लेते हुए उन पर तंज कसे थे। टीएमसी सांसद उस समय तो अपनी बात पर पत्थर के मानिंद अडिग रहीं किन्तु बाद में उन्होंने मौन साध लिया था। संभव है वे त्रणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को नाराज नहीं करना चाह रहीं हों।
इस बार राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के उपरांत टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा ने एक बार फिर गौतम अड़ानी के खिलाफ मोर्चा खोला। उनके उद्बोधन में तीन चार सालों की दबी इच्छाएं हिलोरे मारती दिखीं और उन्होंने गौतम अड़ानी पर हिडनबर्ग की रिपोर्ट पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने में कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ी . . .!
(साई फीचर्स)