विदेशी वकील भी कर सकेंगे भारत में कानून की प्रैक्टिस, मिली मंजूरी

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने अच्छी तरह से नियंत्रित और नियमित तरीके से विदेशी वकीलों और कानूनी फर्मों को देश में अभ्यास करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की है।

बीसीआई भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी कानून फर्मों के पंजीकरण के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम, 2022 के साथ आया है ताकि अंतरराष्ट्रीय वकीलों और मध्यस्थता चिकित्सकों को भारत में सलाह देने में सक्षम बनाया जा सके। नियमों के मुताबिक, विदेशी वकील और लॉ फर्म सिर्फ गैर-मुकदमे वाले मामलों में ही प्रैक्टिस करने के हकदार होंगे।

उनके लिए जो तीन व्यापक क्षेत्र खोले गए हैं उनमें विदेशी कानून, मध्यस्थता के मामले और अंतरराष्ट्रीयकानूनी मुद्दे शामिल हैं। बीसीआई के अनुसार, एक वैधानिक निकाय, विदेशी कानून के अभ्यास के क्षेत्र में विदेशी वकीलों के लिए भारत में प्रैक्टिस को खोलने से गैर-मुकदमे वाले मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दे और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता मामलों में भारत के वकीलों के लाभ के लिए भारत में कानूनी पेशे/डोमेन को विकसित करने में मदद मिलेगी।

विदेशी वकील या फर्म बीसीआई के साथ पंजीकरण के बिना भारत में अभ्यास नहीं कर पाएंगे, और एक विदेशी वकील के लिए पंजीकरण शुल्क 25,000 डॉलर है, और एक कानूनी फर्म के लिए यह 50,000 डॉलर है। बीसीआई ने कहा, नियम 7 के तहत किया गया पंजीकरण केवल 5 (पांच) वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा और विदेशी वकील या लॉ फर्म को तिथि से छह महीने के भीतर फॉर्म बी में नवीनीकरण के लिए आवेदन दाखिल करके इसे नवीनीकृत करने की आवश्यकता होगी।

ये नियम देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने और भारत को अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता का केंद्र बनाने में भी मदद करेंगे। विदेशी वकीलों को पारस्परिक आधार पर लेनदेन संबंधी कार्य जैसे संयुक्त उद्यम, विलय और अधिग्रहण, बौद्धिक संपदा मामले, अनुबंधों का मसौदा तैयार करने और अन्य संबंधित मामलों पर अभ्यास करने की अनुमति होगी।