एक बिजनेसमैन सरकार नहीं हो सकता : राहुल

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी दिल्ली में जी20 की अध्यक्षता पर विदेश मामलों को लेकर संसदीय सलाहकार समिति की बैठक हुई।

इस बैठक में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। बैठक में राहुल गांधी के द्वारा लंदन में दिए गए बयान का मुद्दा उठा। राहुल बैठक में बीजेपी पर हमला बोलते हुए अपना बचाव करते दिखे, वहीं बीजेपी ने कहा कि ये बैठक इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सही मंच नहीं है। इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शशि थरूर सहित अन्य ने भाग लिया।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी के एक सांसद ने विपक्षी नेताओं ने विदेशी धरती पर भारतीय लोकतंत्र के नाम पर लाभ कमाने की कोशिश का मुद्दा उठाया। सूत्रों ने कहा कि इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी नेता को बीच में ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए ये अप्रत्यक्ष संदर्भ था क्योंकि हाल ही में अपनी लंदन यात्रा के दौरान दिए गए बयान को लेकर संसद में काफी हंगामा हुआ था।

सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने बैठक में आगे कहा कि उनकी आलोचना एक व्यक्ति के खिलाफ थी, जिसका नाम एक रिपोर्ट में सामने आया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा था और एक बिजनेसमैन को वो सरकार नहीं मानते। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि उन्होंने उस तरीके से बात नहीं की जैसा कि बीजेपी ने दावा किया था, बीजेपी ने उन्हें देशद्रोहीकहा था।

कांग्रेस सांसद की इस टिप्पणी पर एक बीजेपी सांसद ने पलटवार करते हुए कहा कि इस बारे में बोलने के लिए यह उपयुक्त मंच नहीं है। बैठक में मौजूद कुछ अन्य सांसदों ने भी बीजेपी सांसद द्वारा रखे गए तर्क का समर्थन किया, जबकि कई विपक्षी सांसदों ने राहुल के लंदन दौरे के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों के अप्रत्यक्ष संदर्भ के मद्देनजर स्पष्टीकरण देने या अपना बचाव करने के अधिकार का समर्थन किया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मौजूद विदेश मंत्रियों ने भी राहुल गांधी से इस मंच पर इस मुद्दे पर बात नहीं करने को कहा।

बैठक के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट में कहा कि कुछ सदस्यों द्वारा चर्चा का अनावश्यक रूप से राजनीतिकरण करने से बैठक कुछ हद तक प्रभावित हुई और राहुल गांधी ने उन्हें जोरदार जवाब दिया। थरूर ने कहा, ‘जी-20 में भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों पर आज विदेश मामलों पर सलाहकार समिति की एक अच्छी बैठक कुछ सदस्यों द्वारा अनावश्यक रूप से चर्चा का राजनीतिकरण करने से प्रभावित हुई। राहुल गांधी ने उन्हें जोरदार जवाब दिया और यह बैठक एक सौहार्दपूर्ण ग्रुप फोटोग्राफ के साथ समाप्त हुई।

बैठक में मौजूद एक बीजेपी सांसद ने बताया, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि राहुल गांधी ने इस मंच का इस्तेमाल किया क्योंकि वह संसद में और जनता के बीच लंदन में अपनी टिप्पणी को लेकर जबरदस्त दबाव में थे।सूत्रों ने आगे बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल के इस बयान पर नाराजगी जताई कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है। हालांकि, कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह वर्तमान समय में भारतीय लोकतंत्र की स्थिति के बारे में जो कहते हैं, उस पर कायम हैं।

एक प्वाइंट के बाद सरकार के प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी से संक्षेप में बात रखने और विषय से न भटकने के लिए कहा। जब गांधी टिप्पणी करना चाहते थे, तो उन्हें विदेश मंत्री ने संक्षिप्त रूप से अपनी बात रखने की अनुमति दी थी। लेकिन जब गांधी ने इसे एक लंबे भाषण में बनाना शुरू किया और इसे राजनीतिक रंग दिया विदेश मंत्री ने उन्हें अपना भाषण छोटा करने के लिए कहा।

इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वी मुरलीधरन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, डॉ शशि थरूर, टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेडी सांसद सुजीत कुमार, यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और राजद सांसद प्रेम चंद्र भी मौजूद थे। बैठक में शामिल होने वालों में बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव, डीटी राजदीप रॉय, महेश जेठमलानी और अनिल फिरोजिया शामिल थे। बैठक में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।