इक्कीसवीं सदी का नटवरलाल तो नहीं किरण पटेल!

गुजरात में मोदीफीड नामक एक फर्म चलाता है किरण पटेल, नाम में ही गोलमाल कर दिया पटेल ने!
(लिमटी खरे)


बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में भारत में एक महाठग हुआ था, नटवरलाल। आज की प्रौढ़ हो रही पीढ़ी उस नाम को बखूबी जानती होगी। मूलतः मिथलेश कुमार श्रीवास्तव के 52 नाम हुए, जिनमें से एक नाम नटवरलाल भी था, जो आगे जाकर मिथलेश श्रीवास्तव की पहचान बन गया।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म नटवरलाल उसी किरदार पर आधारित मानी जा सकती है। हाल ही में एक महाठग के रूप में किरण पटेल का नाम सामने आता दिख रहा है। कहा जा रहा है कि जम्मू काश्मीर में जाकर उसने अपने आप को भारत सरकार यहां तक कि पीएमओ का कारिंदा बताकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जेड प्लस सिक्योरिटी भी हासिल कर ली।
किरण भाई पटेल के बारे में बताया जा रहा है कि वह गुजरात के अहमदाबाद जिले के नवरंगपुरा इलाके में मोडी फीड कॉसेप्ट प्राईवेट लिमिटेड नामक फर्म चलाता है। यह फर्म उसके द्वारा साल 2016 में बनाई गई और इस फर्म में उसकी पत्नि भी डायरेक्टर है। उसके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसके द्वारा मोदी फीड नामक फर्म को अंग्रेजी में विभाजित कर मोदी को अलग कर दिया और फीड को अलग। यहीं से लोगों का भ्रम भी आरंभ होने लगा। बताते हैं कि उसके द्वारा अपनी कंपनी की ब्रांडिंग में उन्होंने अंग्रेजी शब्द MODIFIED को उन्होंने “MODI”fied की तरह से पेश किया है।
कहा जा रहा है कि मोदीफीड कॉसेप्ट प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर रोजमर्रा उपयोग में आनी वाली वस्तुएं जैसे चाय के कप, टेबल पर रखी जाने वाली घड़ियां, चैन आदि का प्रदर्शन होता है, जो कहीं न कहीं नरेंद्र मोदी से लिंक करने जैसी लगती हैं।


कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि किरण पटेल के द्वारा बहुत ही समझदारी से अपनी फर्म का नाम रखा गया ताकि वह नरेंद्र मोदी के नाम का उपयोग भाजपाईयों या नरेंद्र मोदी की जानकारी के बिना आसानी से कर सके। इसी फर्म के आधार पर किरण भाई पटेल के द्वारा जम्मू काश्मीर में अपने दूसरे धंधे जमाने की जुगत में था।
कहते हैं कि किरण भाई पटेल के द्वारा दो बार जम्मू काश्मीर का दौरा किया और अपने आप को केंद्रीय सचिवालय में एक बड़े अधिकारी के रूप में पेश किया गया था। उसने बहुत ही सफाई के साथ काश्मीर के अधिकारियों को शीशे में उतारा और वहां जेड प्लस सिक्योरिटी भी हथिया ली।
किरण भाई पटेल कितना शातिर दिमाग है इस बात का अंदाजा उन बातों से लगाया जा सकता है जो छन छन कर बाहर आ रही हैं। इनके अनुसार किरण भाई पटेल ने अपने आप को प्रधानमंत्री का करीबी तक दर्शा दिया गया था और यह तक कह दिया था कि वह जम्मू काश्मीर की नब्ज टटोलने वहां गया है। उसके द्वारा अनेक ऐसी जगहों का दौरा भी किया गया जहां जाना आम नागरिकों के लिए निषिद्ध था।
अंततः किरण पटेल को 03 मार्च को हिरासत में लिया जाकर उससे पूछताछ की जा रही है, पर कोई व्यक्ति इतनी सफाई के साथ यह सब कर गुजर जाए तो इसे आंखों से काजल निकालने के बराबर ही माना जा सकता है, क्योंकि जम्मू काश्मीर वैसे भी संवेदनशीलता के मामले में काफी ऊपरी पायदान पर है।
(साई फीचर्स)