साक्षी मलिक ने आंदोलन से पीछे हटने की बात को बताया गलत

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे आंदोलन से भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने अपना नाम वापस ले लिया है। आज तक के मुताबिक साक्षी मलिक ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का साथ छोड़ दिया है और अब वो इस आंदोलन का हिस्सा नहीं होंगीं।

आज तक के द्वारा इस खबर को चलाए जाने के तुरंत बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट किया और कहा कि ये अफवाह है और उन्होंने आंदोलन से अपना नाम वापस नहीं लिया है। साक्षी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

हालांकि साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने रेलवे की नौकरी ज्वाइन कर ली है। यो दोनों रेलवे में ओएसडी (स्पोर्ट्स) पद पर नियुक्त हैं।

इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर डटे इन तीनों पहलवानों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक यह बैठक दो घंटे तक चली थी। इस मुलाकात के बाद बजरंग पूनिया से पूछा गया कि गृहमंत्री के साथ इस बैठक में क्या बातें हुई तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि हमने गृहमंत्री से बात की है और इसके अलावा मैं कुछ भी नहीं बता सकता।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलवानों ने अमित शाह से बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की और जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करने को कहा था। इसके बाद गृह मंत्री ने पहलवानों को भरोसा दिलाया था कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। पुलिस को जांच के लिए समय देने की जरूरत है।

आपको बता दें कि अब ये पहलवान जंतर-मंतर पर धरने के लिए नहीं बैठे हैं। वहां से उन्हें पहले ही प्रशासन के द्वारा हटा दिया गया था और अब आंदोलन को पहलवानों के घरों से ही चलाया जा रहा था। इस आंदोलन में खाप पंचायत भी सक्रिय हो गए थे और इसको लेकर आगे की रणनीति लगातार बनाई जा रही है।

इससे पहले रविवार को बजरंग पूनिया ने खाप पंचायत से आग्रह किया था कि वो इस आंदोलन को लेकर किसी तरह की आगे की रणनीति फिलहाल नहीं बनाए। बजरंग ने कहा कि खिलाड़ी जल्द ही एक महापंचायत का आयोजन करेंगे। जगह और तारीख तय होने के बाद वह सबको इस बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि सभी संगठनों को एक मंच पर लाने की जरूरत है और अगला फैसला इसी महापंचायत में किया जाएगा।