कहा जाता है कि किसी भी कार्य को करने से पहले मुंह मीठा करना चाहिए, कोई मिठाई या दही, शकर खाना चाहिए। यह परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही है। आज भी कई लोग घर से निकलने के पूर्व थोड़ा सा दही खाते हैं। हिन्दू धर्म में दही को पांच अमृत में से एक माना गया है। ऐसी मान्यता है कि यदि हमारा मन किसी दुखी करने वाली बात में उलझा हुआ है और हम दही खा लेते हैं तो तुरंत ही मन प्रसन्न हो जाता है। दही खाने के बाद हम किसी भी कार्य को ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार सफेद रंग को चंद्र का कारक माना जाता है और चन्द्र को मन का कारक माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार कोई भी सफेद चीज खाकर घर से बाहर किसी काम के लिए जाने पर मन एकाग्रता से उस कार्य में लगता है। साथ ही घर से निकलते समय दही खाने से हमारे सभी नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कुछ लोग दही और शकर खाकर किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत करते हैं। दही में खटास होती है और शकर में मिठास। इस खट्टे-मीठे स्वाद से हमारा मन तुरंत ही दूसरे सभी बुरे विचारों से हट जाता है। मीठा खाने से रक्त संचार बढ़ जाता है। एनर्जी मिलती है। इसलिए शुभ कार्य के पहले दही और शक्कर खाना चाहिए।