यातायात सम्हालने नागरिकों का भी लिया जाये सहयोग!

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं पुलिस प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ कि यदि यातायात विभाग से शहर का यातायात नहीं सम्हल रहा हो तो इसके लिये शहर के जिम्मेदार नागरिकों की सलाह लेकर उनके सहयोग से नयी पहल की जा सकती है।

दरअसल सिवनी शहर का यातायात बेपटरी हो चुका है इसमें कोई दो मत नहीं है। यातायात पुलिस हर संभव प्रयास कर रही होगी कि शहर के यातायात को पटरी पर लाया जा सके लेकिन इसमें उसमें सफलता मिलती नहीं दिख रही है। अब तो ऐसा लगता है कि यातायात पुलिस ने इस दिशा में पहल करना ही छोड़ दिया है तभी शहर के विभिन्न चौराहों से यातायात कर्मी लंबे समय से नदारद बने हुए हैं।

यदा कदा होमगार्ड के सिपाही मूर्ति के रूप में खड़े होकर यातायात की दुर्गति को देखते रहते हैं। वैसे शहर के नागरिकों को भी लंबे समय से अब इस बात की आदत हो गयी है कि चाहे यातायात के संकेतक बंद पड़े हुए हों या यातायात के सिपाही प्रमुख स्थलों से गायब हों, वे अपने वाहनों के साथ गमन करने मेें पारंगत हो गये हैं।

यातायात महकमे की मेहरबानी से सिवनी के अधिकांश वाहन चालक अत्यंत अव्यवस्थित यातायात के बीच से भी सकुशल वाहन निकालने में दक्ष हो गये हैं। अलबत्ता इन वाहन चालकों का वहाँ अवश्य चालान पर चालान कट सकता है जहाँ यातायात के नियमों का पालन सख्ती के साथ करवाया जाता हो। सिवनी के चौक चौराहों पर यदि कुछ समय गुजार लिया जाये तो लोग हँस-हँस कर लोटपोट हो जाते हैं। यातायात के नियमों की धज्जियां जिस तरह से सिवनी में उड़ रही हैं वह वास्तव में हास्यास्पद ही हो चला है।

वैसे यदि यातायात विभाग को अभी भी सिवनी के यातायात के पटरी पर लौटने की कोई उम्मीद हो और वे इसमें सफल न हो पा रहे हों तो इसके लिये उनके द्वारा सिवनी शहर के जिम्मेदार नागरिकों की सलाह ली जाना चाहिये। आवश्यक हो तो नागरिकों की एक समिति भी बनायी जा सकती है जो विभिन्न चौक चौराहों पर यातायात को नियंत्रित करने का काम कर सके। वर्तमान में त्यौहारों का समय है इसलिये इस दिशा में शीघ्र अतिशीघ्र कोई पहल की जाना चाहिये ताकि नवरात्रि पर्व पर श्रद्धालु अपने आप को सुरक्षित रखते हुए धार्मिक कार्य संपन्न कर सकें।

मनोज खलतकर