मुझे शिकायत नगर पालिका से है जिसके द्वारा गर्मी का मौसम आरंभ होने के बाद भी इस बात की सुध नहीं ली जा रही है कि शहर में मच्छरों की फौज हमला कर चुकी है, नागरिक परेशान हैं लेकिन न तो साफ-सफाई की ओर ध्यान दिया जा रहा है और न ही फॉगिंग मशीन का ही उपयोग नगर पालिका के द्वारा किया जा रहा है।
समाचार पत्रों की खबरों पर ही ध्यान दे दिया जाये तो शहर का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर निकल चुका है जिसे गर्मी की अच्छी शुरूआत माना जा सकता है लेकिन तापमान बढ़ने के साथ ही नगर पालिका की अव्यवस्थाओं ने मच्छरों के लिये अनुकूल माहौल उपबल्ध करा दिया है। शाम होते ही मच्छरों की अच्छी खासी फौज लोगों को हलाकान कर रही है लेकिन उन्हें इस समस्या से निजात मिलने की कोई उम्मीद निकट भविष्य में नजर नहीं आ रही है क्योंकि नगर पालिका आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ और सिर्फ निर्माण कार्यों में व्यस्त दिख रही है और जिला प्रशासन नगर पालिका के इस रवैये से आँखें मूंदे नजर आ रहा है।
शहर में कचरा वाहन चलाये जाने आरंभ किये गये थे लेकिन अब इन कचरा वाहनों का शहर के अधिकांश भीतरी क्षेत्रों में पता ही नहीं चलता है अलबत्ता दूर से इन कचरा वाहनों की आवाज अवश्य आ जाया करती है और दूर से ही वह आवाज सुनायी देना भी बंद हो जाती है। शायद कचरा वाहनों को एक निश्चित क्षेत्रों में ही जाने के निर्देश अब दे दिये गये हैं जो आश्चर्यजनक हैं। कचरा वाहनों के न आने से लोगों के द्वारा एक बार फिर से सड़क पर ही अपने घर का कचरा फेंका जाने लगा है जिसके कारण वार्डों में गंदगी का अंबार एक बार फिर से लगने लगा है और यही गंदगी मच्छरों की तादाद में इजाफा करने के लिये पर्याप्त कारण मानी जा रही है।
रही-सही कसर सड़क किनारे बुद्धिजीवियों के आदेश पर रख दिये गये टीन के मूत्रालयों और इनके आसपास फैली गंदगी पूरी कर रही है। कुल मिलाकर मच्छरों के लिये सिवनी नगर पालिका के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र उपयुक्त माना जा सकता है लेकिन इसी वजह से नगर के वाशिंदों को नारकीय पीड़ा भोगने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मजबूर इसलिये क्योंकि जिला प्रशासन ने अपना ध्यान नगर पालिका की ओर से हटाते हुए जैसे उसे मनमानी करने के लिये स्वतंत्र छोड़ दिया है।
बताया जाता है कि नगर पालिका के पास एक स्वास्थ्य विभाग भी है लेकिन इस विभाग का काम क्या है, यह बात शहर की जनता आज तक समझ ही नहीं पायी है। बेहतर होगा कि कलेक्टर के द्वारा नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग को कम से कम मलेरिया विभाग के ही अधीन कर दिया जाये। यदि ऐसा किया जाता है तो मच्छरों के उन्न्मूलन की दिशा में कोई कार्यवाही की उम्मीद की जा सकती है अन्यथा सिर्फ नगर पालिका के ही भरोसे यदि बैठा गया तो मच्छरजनित कई बीमारियां सिवनी शहर में पैर पसार सकती हैं।
प्रिंस राज