अब सच्चा इतिहास लिखने का वक्त
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 खत्म करने के फैसले की चर्चा करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई। उन्होंने अपनी गलतियों को छिपाकर जनता के सामने रखा। शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए।
‘बीजेपी शुरू से एक देश, एक संविधान के पक्ष में‘
गृहमंत्री ने आज पूर्व सरकारी अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने शुरुआत से आर्टिकल 370 को खत्म करने के लिए कई अभियान चलाए। इसे राजनीतिक फैसला करार देनेवाले विपक्ष के आरोपों पर भी शाह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी जबसे अस्तित्व में आई है एक देश, एक संविधान की बात करती रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कश्मीरियों पर गोली नहीं चलेगी। रविवार को उन्होंने ‘संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच’ की 5वीं वार्षिक व्याख्यान माला-2019 के समापन सत्र को संबोधित किया।
राजनीतिक स्टैंड के आरोप पर क्या बोले गृह मंत्री
बीजेपी अध्यक्ष ने आर्टिकल 370 पर बीजेपी के स्टैंड को साफ करते हुए कहा कि पार्टी की ओर से इसके लिए लंबे समय से संघर्ष किया गया। उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ बोलते नहीं हैं, हमने इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए। जब तक आर्टिकल 370 नहीं हटा तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए। बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने इसके लिए मास मॉबलाइजेशन किया था। जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि यह राजनीतिक स्टैंड है, उनको मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह हमारा स्टैंड तब से है जब से मेरी पार्टी बनी।‘
“मुझे कोई बता दे कि जब अपनी सेना जीत रही थी तो युद्धविराम क्यों किया गया। आज पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होता, लेकिन इस बात को देश में चर्चा में नहीं लाया गया। वह क्या मजबूरी थी। यूएन जाने का निर्णय पीएम नेहरू का व्यक्तिगत निर्णय था। यह हिमालय से भी बड़ी गलती थी।”-अमित शाह
370 के बहाने गृह मंत्री ने कांग्रेस को घेरा
कश्मीर की स्थिति को लेकर अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त मुख्य तौर पर कांग्रेस पार्टी ही बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘मुख्य तौर पर अंग्रेजी शासन से कांग्रेस पार्टी ही आजादी को लेकर विचार-विमर्श करती थी, अन्य दल भी थे। दुनिया के किसी भी देश में ऐसा नहीं हुआ कि आजादी के वक्त देश की स्थिति आजादी से पहले की तय कर दी जाए। उसमें तय हुआ कि भारत को 631 खंडों में बांट देंगे, उस वक्त अगर ब्रिटेन की संसद एक प्रस्ताव पास कर देती तो 630 रियासतें तत्काल भारत में मिल जातीं, लेकिन ऐसा हो न सका। इसके लिए कोशिश भी नहीं की गई। विचार-विमर्श भी नहीं किया गया, बातचीत की भी कोशिश नहीं की गई।‘
नेहरू के यूएन जाने को बताई हिमालय से बड़ी गलती
शाह ने कांग्रेस पर अटैक करते हुए कहा, ‘जब अपनी सेना जीत रही थी तो युद्धविराम क्यों किया गया। असमय युद्धविराम करने की क्या मजबूरी थी। उसके बाद यूएन में जाने का निर्णय भी पीएम नेहरू का व्यक्तिगत निर्णय था और मेरी समझ में यह हिमालय से भी बड़ी गलती थी। यह दो देशों के बीच का मसला था। चार्टर का भी गलत सिलेक्शन किया गया था।‘
शाह बोले, जनता पर कश्मीर में नहीं चलेगी गोली
गृह मंत्री ने कश्मीर में हालात नियंत्रण में रहने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर की जनता पर गोली नहीं चलेगी लेकिन अगर कोई आतंकी आता है तो उस पर गोली तो जरूर चलेगी। फिर वह कश्मीर में हो या देश के किसी अन्य हिस्से में। कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई। उन्होंने अपनी गलतियों को सील्ड करके जनता के सामने रखा। अब समय आ गया है इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए।‘
370 से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना जरूरी: शाह
गृह मंत्री ने आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर यह भी कहा कि आम जनता और कश्मीरियों में इससे जुड़ी भ्रांतियों को खत्म करना है। उन्होंने कहा, ‘बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई हैं। उनका स्पष्ट होना जरूरी है। जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है, उतना ही स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है।‘
630 रियासतों को एक करने का श्रेय पटेल को
बीजेपी अध्यक्ष ने इस मौके पर देश के पहले गृह मंत्री को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं। हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया। 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई। जम्मू-कश्मीर को अटूट रूप से एक करने में 5 अगस्त, 2019 तक का समय लग गया। सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती हैं।‘