विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं पीएम मोदी, उस वक्त सम्मान पाने के हकदार: थरूर
(ब्यूरो कार्यालय)
पुणे (साई)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री जब भारत के प्रतिनिधि के तौर पर विदेश यात्रा करते हैं, उस वक्त वह सम्मान पाने के हकदार होते हैं। जब वह (प्रधानमंत्री) देश में होते हैं, तब लोगों को उनसे सवाल करने का अधिकार है।
थरूर को मोदी सरकार का कटु आलोचक माना जाता है। देश की एक भाषा (हिंदी) होने संबंधी विवाद पर केरल से लोकसभा सदस्य ने कहा कि वह त्रि-भाषा फॉर्म्युला के पक्ष में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में ऑल इंडिया प्रफेशनल कांग्रेस द्वारा आयोजित एक सत्र में यह बात कही।
थरूर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री विदेशों में सम्मान पाने के हकदार हैं क्योंकि (वहां) वह हमारे राष्ट्र के प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन जब वह भारत में होते हैं, हमें उनसे सवाल करने का अधिकार है।’ देश की एक भाषा होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हिंदी, हिंदुत्व और हिन्दुस्तान को बढ़ावा देने की बीजेपी की विचारधारा देश के लिए खतरनाक है।
‘त्रिभाषा फॉर्म्युले को आगे बढ़ाने की जरूरत‘
उन्होंने कहा, ‘हमें त्रिभाषा फॉर्म्युले को आगे बढ़ाने की जरूरत है।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की एक भाषा होने संबंधी अपनी टिप्प्णी से पैदा हुई बहस के बीच बुधवार को कहा था कि उन्होंने देश में अन्य स्थानीय भाषाओं पर हिंदी थोपे जाने की बात कभी नहीं कही, बल्कि दूसरी भाषा के रूप में इसके (हिंदी के) इस्तेमाल की हिमायत की है। थरूर ने ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि यह हिंदुत्व और भगवान राम का अपमान है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘केरल में रह रहे विभिन्न समुदायों के लोंगों के बीच कोई मतभेद नहीं है। फिर यह महाराष्ट्र में क्यों हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि मराठा शासक शिवाजी महाराज के शासन के तहत विभिन्न समुदायों से लोग थे, लेकिन उन्होंने हर किसी को एक दूसरे का सम्मान करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का बीजेपी का विचार एक राजनीतिक विचारधारा है और इसका हिंदुत्व से कोई संबंध नहीं है।