(एल.एन. सिंह)
प्रयागराज (साई)। तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर 13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर संत – महात्माओं में उत्साह है। संत-महात्माओं का मानना है कि इससे सनातन धर्म को मजबूती मिलेगी और लोगों में परस्पर प्रेम बढ़ेगा।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती महाराज काशी सुमेरु पीठ, जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज श्रृंगवेरपुर धाम, अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज, किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज, ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव और महामंडलेश्वर स्वामी सरयूदास महराज बीकानेर तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर 13 जनवरी पौष पूर्णिमा पर शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर उत्साहित हैं।
संतों का कहना है कि इस दिव्य, भव्य और स्वच्छता का संदेश देने वाले महाकुंभ के भव्य आयोजन से सनातन धर्म को मजबूती मिलेगी और सनातन धर्मावलंबियों में एकता, उत्साह के साथ मजबूती मिलेगी। संतों ने कहा कि आज सनातन समाज के विभिन्न समाज, वर्ग में बंटने से कमजोर हो रहा है लेकिन महाकुंभ के भव्य, दिव्य आयोजन से सनातन समाज और सनातन धर्म को बहुत मजबूती मिल रही है।जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती महाराज का कहना है कि ऐसे विशाल और भव्य आयोजन से एकता, समरसता, बंधुत्व, नयी सोच और सनातन धर्म को नयी दिशा मिलती है।
जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज श्रृंगवेरपुर धाम का कहना है कि महाकुंभ जैसे विशाल और भव्य आयोजन में देश और विदेश से करोड़ों लोग एकत्र होते है, उनके समागम से सनातन धर्म को उर्जा, नया संचार और नयी दिशा मिलती है जिससे सनातन धर्म को और मजबूत होता है।
अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज का कहना है कि देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में संत, महात्मा महाकुंभ में एकत्र होते हैं तो उनके चिंतन से समाज, सनातन धर्म और लोगों के कल्याण को नयी दिशा उर्जा के साथ मिलती है इससे सनातन धर्म संरक्षित होने के साथ और विकसित होता है।
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज का कहना है कि सनातन धर्म आदिकाल से चल रहा है जो बहुत दिनों तक अभी चलेगा । उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे विशाल और भव्य आयोजन से लोगों को, समाज को और सनातन धर्म को नयी दिशा मिलती है जिसका लाभ समाज के लोगों और सनातन धर्म को मिलता है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज का कहना है कि आज समाज में समानता, सद्भावना और एकता खत्म हो रही है लेकिन महाकुंभ जैसे विशाल और भव्य आयोजन से समाज और सनातन धर्म की नींव मजबूत हो रही है। ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव ने कहा कि महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन से सनातन धर्म की मजबूती का संदेश देश ही नहीं विश्व के करोड़ों लोगों में जाता है इससे सनातन धर्मावलंबियों को मजबूती मिलती है।
राजस्थान के बीकानेर के महामंडलेश्वर स्वामी सरयूदास महराज का कहना है कि महाकुंभ के आयोजन से सनातन धर्म को चतुर्दिक मजबूती मिल रही है, लोगों में उत्साह है, नयी सोच विकसित होती है और लोगों में पारस्परिक प्रेम, सद्भावना विकसित होती है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे विशाल और भव्य आयोजन में समाज के सभी वर्गो के लोग शामिल हैं।