पीएम जनमन योजना में देश की पहली सड़क बालाघाट में बनी

तीन सड़कों से बैगा बस्तियों के निवासियों को मिली एक नई रफ़्तार

(ब्यूरो कार्यालय)

बालाघाट (साई)। पीएम जनमन योजना में देश की पहली सड़क बालाघाट जिले की बैगा बस्ती में बनी। यह सड़क इन दिनों सबका ध्यान आकर्षित कर रही है।

पीएमजीएसवाय ग्रामीण सड़क योजना में तैयार पंडाटोला से बिजाटोला जाती है। सड़क निर्माण 16 मार्च 2024 को शुरू हुआ था। जो पांच महीनों बाद पूरा हुआ। 26 अगस्त को सिर्फ ये ही सड़क नहीं बल्कि विभाग ने परसवाड़ा जनपद में 2 सड़के और बनाई हैं। बैगा बस्तियों के 20 गांव की करीब 3 हजार बैगा नागरिकों के जीवन की रफ़्तार अब तेज हो गई है।

यहां के लोग जंगली रास्तों से होकर अपनी जीवनचर्या में व्यस्त रहते थे। शाम के बाद से इन सड़कों से गुजरना सम्भव नही था। जंगल के रास्ते पर कई वन्य जीव से गांव व टोले भयभीत रहते थे। इन्ही कच्ची पगडंडियों से ही माध्‍यमिक व हाईस्कूल के बच्चे, रोगी और राशन लाने के लिए नागरिक गुजरते रहें है। अब इन सड़कों के बन जाने के बाद कच्ची सड़कें इतिहास बन कर रह गई है।

10.16 किमी. की पगडंडिया बदली सुंदर सडकों में

परसवाड़ा जनपद क्षेत्र के उस हिस्सें में तीन सड़के पीएम जनमन अभियान में बनी है। जो आज भी दुर्गम जंगल से आच्छादित है। पीएमजीएसवाय के श्री विनोद गढ़वाल ने बताया कि इस क्षेत्र में नाटा से पांडाटोला 4.85 किमी., बड़गांव से साल्हे 4.50 किमी. और एक जो योजनांतर्गत देश की पहली सड़क है वो पांडाटोला से बिजाटोला है जिसकी लंबाई 0.811 मीटर है। करीब 1 कि.मी की इस सड़क का सीधे तौर पर गॉव के 935 नागरिक तो उपयोग कर ही रहे हैं, इसके अलावा आसपास के 4 टोलों के लिए भी यह उपयोगी सड़क है। हालांकि नाटा से पंडाटोला और उन्‍डईटोला के बीच दो पुल बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इनका कार्य बारिश के बाद ही शुरू होगा।

इन सड़कों के बैगाओं के लिए मायने

ये सड़कें जिन गांवो में बनी है उसके दायरे में आने वाले कई टोले है जो इनका उपयोग करेंगे। इनमें डोरली, चकटोला, कातलाबोडी, टिकरिया, कूकड़ा, उरूरगुड्डा, बारिया, डंडईटोला, मोहर, नारवाड़ी सहित जंगलों में बसे बैगाओं के लिए सुविधाजनक हैं। इस क्षेत्र के करीब 30 कि.मी दायरे में अब यहाँ के करीब 3 हजार बैगा राशन दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन पाएंगे। साथ ही स्कूली विद्यार्थी स्कूल, किसान बाजार और मंडी तक सुविधाजनक रूप से आवागमन कर सकेंगे। वहीं मरीज स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र तक और मुख्‍य कस्‍बे से जुड़ पायेंगे।