(ब्यूरो कार्यालय)
खण्डवा (साई)। खंडवा के दादाजी वार्ड में रहने वाले पति पत्नी मुकेश काले और उनकी पत्नी पूणिमा काले ने मिलकर नो साल की कड़ी मेहनत से घर की छत पर मिनी गार्डन बना रखा है। जिसका नाम “मन बगिया” रखा है साथ ही विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे लगा रखे है।
पेशे से व्यवसायी मुकेश के घर की छत हैरत में डालने वाली है। यहां दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ मिलेंगे। उन्होंने मकान की पूरी छत को ही गार्डन बना डाला। 700 स्क्वायर फ़ीट छत पर 150 से अधिक प्रजातियों के करीब 500 से अधिक पेड़ व पौधे हैं। विभिन्न प्रजातियों के पौधे लहलहा रहे हैं। धार्मिक उपयोग के पौधों में तुलसी, बिलपत्र, पीपल, विभिन्न प्रकार के फूल, समेत कई पौधे छत पर लगे हैं। पंक्षियों के लिए भी दाने पानी की व्यवस्था की गई है।
पूर्णिमा काले ने बताया कि नो साल पहले गमलों में कुछ मनी प्लांट्स की कटिंग और गुलाब के पौधे लगाए थे। बाद में उन्होंने नर्सरी से कुछ सजावटी पौधे भी खरीदकर अपने गार्डन में लगाना शुरू किया। एक पौधे से शुरुआत करके, आज उन्होंने अपने घर की छत को सैकड़ों पौधों से भर दिया है। अब जन्मदिन, सालगिरह पर गिफ्ट में पौधे ही देते है। सारे आयोजन यही मानते है।
उन्होंने बताया गार्डन से गर्मियों में घर का तापमान 4-5 डिग्री बाहर से कम रहता है। मुकेश बताते हैं आम, पीपल, बड़, अमरूद, मौसमी समेत विभिन्न प्रजातियों के घने वृक्ष गमलों में लगे हैं। उन्होंने इन्हें विशेष तकनीक से तैयार किया है। इन पेड़ों के गुण भी सामान्य पेड़ों की तरह हैं।
मुकेश ने पूरी छत पर टैरिस गार्डन व किचन गार्डन तैयार कर लिया। वह बताते हैं कि अब उन्हें घर में एसी की जरूरत महसूस नहीं होती। एक कूलर से काम चल जाता है। घूमने के लिए भी बाहर नहीं जाना पड़ता। छत पर घूम लेते हैं। गार्डन में घूमने से सुकून मिलता है। पेड़ पौधों की स्वयं और पत्नी पूर्णिमा काले रोजाना दो घंटे देखभाल करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने हेतु इन्होंने टेरेस गार्डन बनाया जिसमे अधिकतर पेड़ गमलों में लगे हैं। इस कारण से भी इन्हें पोषक तत्वों की ज्यादा आवश्यकता होती है। पौधों में खाद की कमी को पूरा करने के लिए बची हुई सब्जियों से जैविक खाद तैयार कर समय-समय पर पौधों को दिया जाता है।
टेरेस गार्डन घर में बगिया की कमी को बखूबी पूरा करता है। इसे कोई भी अपने घर की छत या बालकनी पर तैयार करवा सकता है।