(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर शहडोल और छिंदवाड़ा कलेक्टर को हटाने पर दो दिन से चला आ रहा सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया।
शहडोल से ललित कुमार दाहिमा और छिंदवाड़ा से श्रीनिवास शर्मा की विदाई हो गई। इनकी जगह शहडोल में शेखर वर्मा और छिंदवाड़ा में भरत यादव को कलेक्टर बनाया गया है। दोनों अधिकारियों को मंत्रालय में पदस्थापना दी गई है। दोनों अधिकारियों को तत्काल आमद देने के निर्देश दिए गए हैं।
शहडोल और छिंदवाड़ा लोकसभा में मतदान होने से पहले आचार संहिता से जुड़े मामले सामने आए थे। शहडोल में कमलनाथ सरकार के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम आचार संहिता के दौरान कलेक्टोरेट पहुंच गए थे और कलेक्टर ललित कुमार दाहिमा से मुलाकात की थी। इस दौरान वे करीब 50 मिनट कलेक्टोरेट में रहे और उस दौरान अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। हालांकि, मरकाम ने किसी भी बैठक में हिस्सा लेने से इनकार करते हुए चुनाव आयोग को भेजे अपने जवाब में कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रस्तावित आमसभा की अनुमतियों को लेकर कलेक्टोरेट गए थे।
भाजपा और आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने चुनाव आयोग में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर शिकायत की थी। इस मामले की अनूपपुर कलेक्टर और शहडोल कमिश्नर से जांच कराई गई थी। अनूपपुर कलेक्टर ने शहडोल कलेक्टर को आचार संहिता के उल्लंघन का मामला नहीं पाया, लेकिन कमिश्नर की रिपोर्ट अस्पष्ट थी। इस पर दोबारा उनसे प्रतिवेदन लिया गया, जिसके आधार पर आयोग ने नए कलेक्टर के लिए पैनल भेजने के निर्देश दिए थे।
सूत्रों के मुताबिक छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा पर हेलिकॉप्टर की उड़ान से जुड़ी अनुमति का विवाद भारी पड़ गया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से छिंदवाड़ा में रोड शो करने के लिए पहुंचने पर पांच बजे के बाद हेलिकॉप्टर की उड़ान की अनुमति मांगी थी, जो नहीं दी गई। इसके लिए राज्य शासन के 2010 के प्रावधान का हवाला दिया।
इस मामले की चौहान ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव से की थी। इस पर अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव से जांच कराई गई थी। श्रीवास्तव ने कलेक्टर की कार्रवाई को विधि अनुरूप बताया था। इस आधार पर कलेक्टर को क्लीनचिट दे दी गई, लेकिन कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा के सौंसर में चुनाव कार्यक्रम में हेलिकॉप्टर की उड़ान छह बजे के बाद देने की शिकायत पर जय माहोरे के खिलाफ एफआईआर कराई गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने उनकी जगह नई पदस्थापना करने का निर्णय किया।
ग्वालियर से हटाए गए थे यादव : छिंदवाड़ा कलेक्टर बनाए गए 2008 बैच के आईएएस अफसर भरत यादव को कमलनाथ सरकार ने ग्वालियर से हटाकर ऊर्जा विकास निगम में पदस्थ किया था। सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक शिकायत के चलते उन्हें आनन-फानन में हटाया गया था। तब से ही यह संभावना जताई जा रही थी कि उन्हें जल्द ही अच्छी पदस्थापना मिलेगी। वहीं, 2004 बैच के शेखर वर्मा भी मैदानी पदस्थापना की आस कांग्रेस सरकार आने के बाद से लगाए हुए थे। वे फिलहाल संचालक गैस त्रासदी और राहत हैं।
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