(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की साजिश भारतीय जनता पार्टी ने रची थी। भाजपा मानसिकता और विचारधारा से जुड़े अफसर इसे अंजाम दे रहे थे। भाजपा इस कोशिश में थी कि लोकसभा चुनाव में बिजली कटौती के खिलाफ ठीक वैसा ही माहौल बने जैसा 2003 में विधानसभा चुनाव के दौरान बना था पर हम संभल गए और रात-दिन मेहनत कर कोशिश को नाकाम कर दिया।
ये बात ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने एक समाचार पत्र से चर्चा के दौरान कहीं। सीहोर में पदस्थ सहायक अभियंता पजन गंगेले ने बिजली कंपनी में जिस प्राइवेट गाड़ी को अटैच किया था, वह भाजपा का प्रचार करती हुई पाई गई। ये अधिकारी बिना कारण बिजली बंद करता और भाजपा समर्थकों से फेसबुक और सोशल मीडिया पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ अनर्गल कमेंट करवाता था।
उज्जैन के डीई भावसार ने जनता में कांग्रेस के प्रति नाराजी फैलाने के लिए बिजली के बकायादारों की संपत्ति कुर्क करने का फरमान जारी कर दिया। हकीकत ये है कि सरकार ने बकायादारों की संपत्ति कुर्क कर वसूली पर रोक लगा रखी है।
भाजपा की रैली में बिजली कंपनी की गाड़ी : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सीहोर में पूर्व मुख्यमंत्री की रैली में जो गाड़ी भाजपा के प्रचार में लगी थी, वह बिजली कंपनी में अटैच थी। विद्युत वितरण कंपनी के एमडी संजय गोयल की जांच में पता चला कि सहायक अभियंता गंगेले ने ये किया। वही जानबूझकर बिजली सप्लाई बंद करते थे। इसी तरह भाजपा की मदद उज्जैन के डीई भावसार भी कर रहे थे। दोनों को जांच के बाद निलंबित कर दिया गया है। भाजपा नेताओं से उनके करीब के रिश्ते हैं।
15 साल से जमे आउटसोर्स कर्मचारी
बिजली कंपनी में पिछले 15 साल में हजारों आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। इस दौरान कंपनियों के ठेके बदल गए पर कर्मचारी वही हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इनकी भर्ती भाजपा शासनकाल में हुई थी। सिंह ने कहा कि मेरी इन कर्मचारियों से अपील है कि काम के दौरान अपनी विचारधारा भूल जाएं। विद्युत आपूर्ति नागरिकों की मूलभूत सुविधा है। उसमें व्यवधान न डालें। एक अनुमान के मुताबिक तीनों कंपनियों में 25 हजार के आसपास आउटसोर्स कर्मचारी हैं।
अघोषित बिजली कटौती को लेकर अब तक 317 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, 142 इंजीनियर और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।