इस बार नहीं होगा फाग उत्सव
(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। चुनाव आचार संहिता से सांस्कृतिक आयोजन पर भी बंदिश है। इसके दायरे में होली भी आ गयी है। होली मिलन के आयोजन पर चुनाव आयोग की नजर होगी।
इन आयोजनों में नेता ही प्रमुख चेहरा होते हैं। सरकार बदली तो काँग्रेस के कई नेताओं ने होली में बड़ा आयोजन कर जश्न मनाने की योजना बनायी थी लेकिन आचार संहिता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। कई नेताओं ने घरेलू आयोजन को भी निरस्त कर दिया है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो नेताओं के समर्थक शहर में कई जगह होली मिलन और हंसगुल्ले नाम से कई सांस्कृतिक आयोजन करते थे। इसमें होली मिलन के अलावा नाच – गाना और कवि सम्मेलन का आयोजन संस्थाओं के नाम से होता है। कई सरकारी संस्थानों के कर्मचारी भी इस त्यौहार को मिलन के तौर पर रंग – गुलाल के बीच मनाते हैं। ऐसे सभी आयोजन आचार संहिता लागू होने के कारण नहीं होंगे। आयोजन में कोई भी नेता मुख्य अतिथि नहीं बन सकेंगे।
क्या है नियम : सार्वजनिक कार्यक्रम में राजनेता मुख्य अतिथि नहीं हो सकता है। किसी तरह का उद्घाटन नहीं कर सकते। आयोजन का राजनीतिक उपयोग नहीं हो सकता। चुनावी बातें या चुनाव से जुड़ा कार्य नहीं कर सकते। लाउड स्पीकर का भी उपयोग सुबह 06 बजे से रात 10 बजे की निर्धारित सीमा में होगा। इसके लिये भी प्रशासन से मंजूरी अनिवार्य होगी। आयोजन स्थल के तौर पर सरकारी भवन, जगह का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।