छह माह में जबलपुर से पकड़ा गया 6 हजार 245 करोड़ का हवाला

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। शहर हवाला कारोबार गढ़ बन गया है। जबलपुर से हवाला के जरिए देशभर में करोड़ों रुपए पहुंचाए जा चुके हैं। शहर में हवाला का कारोबार कितने बड़े स्तर पर चल रहा है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 6 महीने के भीतर ही 6 हजार 245 करोड़ के हवाला कारोबार का खुलासा हो चुका है।

चार अलग-अलग हवाला कारोबारियों के पास से नकद के साथ इस भारी-भरकम रकम का रिकार्ड जब्त किया गया है। जबलपुर आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी और जांच के दौरान इन चार हवाला कारोबारियों को पकड़कर पूछताछ की तो हवाला के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ।

जांच के दौरान हवाला कारोबारियों के लैपटॉप और दस्तावेज को खंगाला गया तो पता चला कि पूरा कारोबार जबलपुर से ही हैंडल किया जा रहा था। दो दिन पहले ही शहर में अगरबत्ती का काम करने वाले खूबचंद लालवानी उर्फ बंटी को पकड़ा गया। उसके लैपटॉप की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि वह 2013 से ही इस गोरखधंधे में सक्रिय है। वह अकेले ही अब तक देशभर के 100 से ज्यादा शहरों में 4120 करोड़ रुपए हवाला के जरिए इधर से उधर कर चुका है। जबकि पहले पकड़े गए तीन कारोबारियों के भी 2 हजार 125 करोड़ रुपए देश के अलग-अलग शहरों में भेजने का खुलासा हो चुका है।

सूत्रों के मुताबिक आईटी इंवेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने बंटी की डायरी और लैपटॉप की जांच की तो उसमें हवाला के पैसे पहुंचाने वालों के नाम और अन्य जानकारियां मिलीं। जांच में पता चला कि बंटी हर माह एक हजार से ज्यादा लोगों को हवाला का पैसा पहुंचाता था। वह शहर में हवाला का पैसा पहुंचाने के लिए एक पुरानी स्कूटी का उपयोग करता था, जिससे किसी का ध्यान उस पर नहीं जाता था। बड़ी से बड़ी रकम थैले में रखकर वह आसानी से व्यापारियों तक पहुंचा देता, जिससे उसे और अधिक काम मिलने लगा।

आईटी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि जबलपुर से प्रदेशभर में हवाला का सिंडीकेट ऑपरेट किया जा रहा है। कुछ दिन पहले गाडरवारा से जीआरपी ने 46 लाख रुपए जब्त किए थे। महज एक घंटे के भीतर ही यह खबर प्रदेशभर के हवाला कारोबारियों के पास पहुंच गई और उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया। आईटी एक्सपर्ट ने जब इसकी जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि यह काम अचानक बंद हो गया है। इसकी जांच की तो पता चला कि उन्हें गाडरवारा की घटना के बाद जबलपुर से इस कारोबार को रोकने के लिए कहा गया।