कथित नटवरलाल को फिल्मी स्टाइल में जबलपुर पुलिस ने दबोचा

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। धनवंतरि नगर पार्ट-टू के रूप में सामने आए घमापुर प्रकरण में करीब दो महीने से फरार चल रहे ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन को पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में मुख्य रेलवे स्टेशन से दबोचा।

पुलिस ने उसे पकडऩे के लिए झूठी खबर भिजवाई थी कि उसकी पत्नी बीमार है। छुट्टन पत्नी की खैर-खबर लेने के लिए शनिवार सुबह जबलपुर पहुंचा था, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। चार दिन पहले ही एसपी ने छुट्टन और उसकी महिला साथी की गिरफ्तारी पर ढाई-ढाई हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

18 जनवरी को घमापुर थाने में दर्ज हुआ था प्रकरण

पुलिस के अनुसार गोपाल होटल के पास रहने वाले ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन के खिलाफ 18 जनवरी को घमापुर थाने में आइसक्रीम पार्लर संचालक को महिला साथी के साथ मिलकर ब्लैकमेल करने की शिकायत दर्ज हुई थी। दोनों सिविल लाइंस थाने में पदस्थ रहे आरक्षक घनश्याम दास के साथ मिलकर आइसक्रीम संचालक टेकचंद गौतम से दो लाख रुपए की मांग कर रहे थे, तब से पुलिस छुट्टन और उसकी महिला मित्र को तलाश रही थी।

शहर बदल कर छिप रहा था छुट्टन

पुलिस ने सुबह छह बजे छुट्टन को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में छुट्टन ने बताया कि वह 19 जनवरी को ही शहर छोडकऱ निकल गया था, तब से भोपाल सहित अलग-अलग शहरों में छिप कर रह रहा था। उसकी महिला मित्र के बारे में पता चला है कि वह हरियाणा में है। पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में हरियाणा जाने की तैयारी में है।

नटवरलाल से कम नहीं छुट्टन के कारनामे

ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन रजक के कारनामे नटरवालाल से कम नहीं है। वह नरसिंहपुर में बाबा बनकर जा चुका है। लोगों को सोना डबल करने का झांसा देकर ठग चुका है। उसकी कई बड़े नेताओं से नजदीकी भी रही है। पार्षद का चुनाव भी लड़ कर हार चुका है। वह पुलिस का मुखबिर भी रह चुका है। घमापुर थाने के पीछे पुलिस की वॉलीबाल प्रतियोगिता भी करवा चुका है।

यह है मामला

घमापुर निवासी आइसक्रीम पार्लर संचालक टेकचंद गौतम से नौकरी मांगने के बहाने महिला ने बातचीत की, फिर रूपजाल में फंसाकर सिविल लाइंस स्थित फ्लैट पर ले गई, जहां उसने और छुट्टन ने उसकी आपत्तिजनक वीडियो और फोटो खींच लीं। यहां घनश्यामदास और एक अन्य पुलिसकर्मी को भी बुला लिया। बाद में टेकचंद को ब्लैकमेलिंग कर दो लाख की मांग कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि छुट्टन और उसके साथी पिछले पांच सालों में सेना, व्यापारी, बिल्डर, अधिकारी, बैंककर्मी, रेलवे कर्मी सहित कई लोगों को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूल चुके हैं।