पंचायतें नहीं बना पाईं 60 विधायकों के यहां स्टेडियम

 

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। गांवों की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों में खेल स्टेडियम मंजूर किए हैं, लेकिन पैसा मिलने के बाद भी 60 जगहों पर स्टेडियम नहीं बन पाए हैं। समय पर स्टेडियम नहीं बनने के कारण इनकी लागत भी करीब 20 फीसदी तक बढ़ गई है। 17 जनपद पंचायतों ने स्टेडियम की लागत पुनॢनधारण (कास्ट रिवाइज) करने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने स्टेडियम निर्माण में देरी को लेकर अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की है।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने 207 विधानसभा क्षेत्र में स्टेडियम बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को बजट जारी किया था। स्टेडियम बनाने के लिए जनपद पंचायतों को वर्ष 2014 में दो किस्तों में 80 लाख रुपए जारी कर दिए, इसके बाद भी यह स्टेडियम अभी तक पूरी तरह से खेलने योग्य नहीं हो पाए हैं। 60 से अधिक स्टेडियम निर्माणाधीन हैं। इसकी लागत अब 80 लाख रुपए से बढ़कर अब 90 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। कई पंचायतों ने तो कास्ट रिवाइज, स्टेडियम को समतल करने तथा अतिरिक्त कार्यों के लिए लाखों रुपए की अतिरिक्त डिमांड की है।

जमीन नहीं उपलब्ध करा पाए 13 विधायक

तेरह विधायक अपने यहां स्टेडियम बनाने के लिए 7 से 10 एकड़ तक जमीन नहीं दिला पाए। आधा दर्जन गांवों में जो जमीन स्टेडियम के लिए चिंहित अथवा आवंटित की गई है, उसे पहले से ही किसी न किसी कार्य के लिए आरक्षित कर रखा है। इसके चलते स्टेडियम का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया। विधायकों ने रुचि नहीं ली तो पंचायतों ने नए सिरे से स्टेडियम बनाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव नहीं भेजा। सरकार ने भी पुराना प्रस्ताव निरस्त कर दिया है।

स्टेडियम निर्माण की जानकारी सभी जनपद पंचायतों से बुलाई गई है। कई स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा है। स्टेडियम बनाने का काम आरईएस के माध्यम से कराया जा रहा है।

इंद्रेश ठाकुर,

संयुक्त संचालक,

पंचायती राज संचालनालय