(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। चार साल पहले तक केवल कान्हा नेशनल पार्क में ही हार्ड ग्राउन बारहसिंगा पाए जाते थे। बेहद आकर्षक और संवेदनशील इन वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए विदेशी तकनीक से शिफ्टिंग की गई।
वर्तमान में वन विहार भोपाल और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बारहसिंगा को कुलांचे मारते देखा जा सकता है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बोरी बाड़े से 26 बारहसिंगा खुले जंगल में छोड़े गए हैं। इन्हें बाघों का शिकार बनने से रोकने के लिए यहां कान्हा नेशनल पार्क से पांच हजार चीतलों की शिफ्टिंग होगी।
कान्हा नेशनल पार्क में वर्ष 2015 से बारहसिंगा की शिफ्टिंग शुरू हुई। 2018 तक 33 बाहरसिंगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे गए। अब इनकी संख्या 72 हो गई है। शुरुआत में इन्हें एक बाड़े में रखा गया था। वन अधिकारियों के अनुसार बारहसिंगा के क्षेत्र मंु चीतल छोड़ जा रहे हैं, जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या ज्यादा हो और बारहसिंगा मांसाहारी वन्य प्राणियों की चपेट में नहीं आएं। पेंच नेशनल पार्क से 650 चीतलों की शिफ्टिंग की गई है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बारहसिंगा का कुनबा बढ़ रहा है। वहां अभी 72 बारहसिंगा हैं। 26 बारहसिंगा बोरी के बाड़े से बाहर छोड़े गए हैं। चीतलों की संख्या पर्याप्त होने से बाघ दोनों प्रजातियों का शिकार करेंगे। इससे बाहरसिंगा के कुनबे पर कम असर पड़ेगा।
एसके सिंह,
फील्ड डायरेक्टर,
सतपड़ा टाइगर रिजर्व.

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.