हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कहा केंट बोर्ड ने
(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को कटंगा रोड स्थित गुमटियों के मामले में सख्ती बरती तो कैंट बोर्ड रास्ते पर आ गया और स्थिति भांपते हुए अंडरटेकिंग दे दी कि 15 दिन में खुद ही सभी गुमटियां हटा ली जाएंगी। न्यायमूर्ति आरएस झा व जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने गुमटियां हटाने की कैंट बोर्ड की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लेने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई 7 मई को नियत कर दी।
सदर निवासी आबिद हुसैन, कटंगा निवासी नरेश भाटिया और राजेश शर्मा की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि कैंट बोर्ड ने कटंगा रोड पर नगर निगम की जमीन पर अवैध तरीके से 45 गुमटियों का निर्माण कर दिया है। याचिका में कहा गया कि पांच-पांच गुमटियों को एक कर बड़ी दुकान बना ली है। गुमटी संचालकों ने अतिक्रमण कर गुमटियां बढ़ा ली हैं। इसकी वजह से ट्रैफिक जाम हो रहा है। याचिका में कहा गया कि गुमटी आवंटन में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। इस मामले की जांच के लिए कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त चंद्रमौलि शुक्ला, एडीएम राहुल फटिंग और डीईओ अरविंद नेमा की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि जिस जमीन पर गुमटियां बनाई गई है, वह जमीन नगर निगम की है। रिपोर्ट में कहा गया कि गुमटी के लिए एक आवेदक ने एक-एक लाख रुपए के 10 और एक आवेदक ने पांच बैंक ड्राफ्ट बनवाए थे। इसके साथ ही कैंट बोर्ड ने रिपेयरिंग हेड में गुमटियों का निर्माण किया है।
कैंट बोर्ड की ओर से सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा नायर और मनोज शर्मा ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले 39 गुमटियों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि जब जमीन ही कैंट बोर्ड की नहीं है, तो ऐसे में गुमटियों को हटाया जाना चाहिए। इसके बाद कैंट बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा नायर ने अंडरटेकिंग दी कि 15 दिन में वे खुद गुमटियों को हटा लेंगे।
उच्च स्तरीय जांच की जरूरत- कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर राजेश नेगी की ओर से शपथ-पत्र पेश कर कहा गया कि नगर निगम से एनओसी लिए बगैर गुमटियों का निर्माण किया गया था। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। कैंट बोर्ड ने रिपेयरिंग हेड में गुमटियों का निर्माण किया है। इसके लिए कैंट सीईओ के खिलाफ विभागीय जांच कराई जाना चाहिए।
कोई युद्घ नहीं हो रहा- कैंट बोर्ड की ओर से गुमटियां हटाने की कार्रवाई के लिए ब्रिगेडियर को निर्देश देकर फौजी की सहायता मुहैया कराने पर बल दिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई युद्घ थोड़ी होना है कि फौज की सहायता लेनी पड़े। इस काम के लिए राज्य शासन, नगर निगम और पुलिस की सहायता काफी होगी।