कब मिल पायेगा साफ पेयजल!

 

 

(शरद खरे)

सिवनी शहर का यह दुर्भाग्य ही माना जायेगा कि करोड़ों अरबों रूपये पानी में बहाने के बाद भी सिवनी के नागरिकों को साफ पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है। सिवनी शहर के प्यासे कण्ठों को तर करने के लिये तीन चार दशकों में पैसा पानी की तरह बहाया जा चुका है, इसके बाद भी लोगों को दो वक्त तो छोड़िये, एक वक्त भी साफ पानी नहीं मिल पा रहा है।

सिवनी शहर की प्यास बुझाने के लिये उन्नीसवीं सदी के आरंभ में बबरिया तालाब का निर्माण करवाया गया था। इसके बाद लखनवाड़ा में बैनगंगा के तट पर स्टॉप डेम बनाया गया था। सालों तक बबरिया और उसके बाद लखनवाड़ा में बने स्टॉप डेम के माध्यम से शहर की इकलौती पानी की टंकी भरी जाती थी, जिससे शहर में रोजाना दो वक्त पानी की सप्लाई हुआ करती थी।

नब्बे के दशक के आरंभ में सिवनी में पेयजल की त्राहि त्राहि मचने पर जिला मुख्यालय में कुछ स्थानों पर पानी की टंकियों का निर्माण कराया जाकर, शहर की जलापूर्ति निर्बाध रूप से आरंभ कराने का असफल प्रयास किया गया था। भीमगढ़ जलावर्धन योजना को 2024 तक शहर में दो वक्त पानी देने के लिये बनाया गया था पर आरंभ से अब तक दो क्या, एक वक्त भी नियमित रूप से इस जलावर्धन योजना से पानी नहीं मिल पाया।

इस योजना का समय पूरा होने में अभी एक दशक बाकी था कि नगर पालिका के द्वारा बबरिया जलावर्धन योजना का ताना-बाना बुन दिया गया। यह जलावर्धन योजना 48 करोड़ रूपये की थी। पालिका की तकनीकि समिति के द्वारा इस जलावर्धन योजना की लागत आसपास की जलावर्धन योजनाओं की तुलना में बहुत ज्यादा दर्शायी जाकर राज्य सरकार से इसे निरस्त करने की अनुशंसा की गयी थी।

शासन स्तर पर 48 करोड़ रूपये की जलावर्धन योजना जिसकी दरें अधिक बतायी गयी थीं, को बाद में 62 करोड़ 55 लाख रूपये में स्वीकृत कर दिया गया। नवीन जलावर्धन योजना के संबंध में तत्कालीन जिला कलेक्टर भरत यादव के द्वारा सुझाव देने एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति के द्वारा दी गयी सिफारिशों को भी रद्दी की टोकरी के हवाले ही कर दिया गया।

सिवनी के निर्दलीय विधायक (अब भाजपा के) दिनेश राय के द्वारा पूर्व में बबरिया जल शोधन संयंत्र में अमानक फिटकरी और ब्लीचिंग पाउडर पकड़ा गया। मामला विधानसभा में भी उठा पर पालिका को इससे मानो कुछ लेना-देना ही न था। पालिका की चुनी हुई परिषद के द्वारा जो पानी प्रदाय किया जा रहा है वह अशुद्ध है और लोगों को बीमार कर रहा है।

अब दिनेश राय के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और प्रदेश में भाजपा विपक्ष में बैठी है, तब उम्मीद की जाना चाहिये कि दिनेश राय के द्वारा अब अपनी ही पार्टी की नगर पालिका परिषद की मश्कें कसने के लिये कवायद इसलिये की जायेगी क्योंकि इस साल के अंत में नगर पालिका चुनाव होने हैं और पालिका की कार्यप्रणाली से शहर में भाजपा के खिलाफ वातावरण तैयार होता दिख रहा है।

भीषण गर्मी में भी नगर पालिका के द्वारा नयी जलवार्धन योजना से लोगों को निर्धारित समय तीन साल बाद भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि विधायक दिनेश राय के द्वारा तय की गयी समय सीमा से 464 दिन और जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा तय की गयी समय सीमा के 98 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस ही नज़र आ रही है!

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