लता बाई कुल्हाड़े का कथित आडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल!
(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। तुम इतना बताओ कि क्या कोतवाली टीआई को महीना जाता था! जी हां जाता था, कितना जाता था! चालीस हजार . . .! इस वार्तालाप का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से जिले में हड़कंप मचा हुआ है। यह वीडियो बीते दिनों सट्टा क्वीन के नाम से मशहूर लता बाई कुल्हाड़े का बताया जा रहा है।
पुलिस के भरोसेमंद सूत्रों ने इस वीडियो को लता बाई का बताते हुए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले दिनों जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा कोतवाली थाना क्षेत्र में लता बाई कुल्हाड़े के निवास पर सट्टा खिलाए जाने की शिकायतों के बाद मारे गए छापे के उपरांत लता बाई के साथ पूछताछ किए जाने के वक्त यह वार्तालाप हुआ है।
सूत्रों का कहना था कि लता बाई के द्वारा सट्टा खिलाए जाने के एवज में कोतवाली पुलिस को हर माह चालीस हजार रूपए का नजराना पेश किया जाता था। लता बाई सालों से जिला मुख्यालय में सट्टे का कारोबार कर रही है। पुलिस के द्वारा दर्जनों बार लता बाई पर सट्टे की कार्यवाही भी की है।
सूत्रों ने बताया कि लता बाई कुल्हाड़े के द्वारा इसके पूर्व भी अनेक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ परेशानियां खड़ी की जा चुकी हैं। इसके बाद भी पुलिस के द्वारा अब तक लता बाई कुल्हाड़े के खिलाफ ठोस कार्यवाही नहीं किया जाना भी आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व तत्कालीन नगर निरीक्षक राज कुमार दुबे के साथ एक लता बाई का बातचीत का आडियो वायरल हुआ था। इस आडियो में आर. के. दुबे के द्वारा वार्तालाप के दौरान कथित तौर पर कही गई बात कि नहा धोकर आना भी जमकर चर्चित हुई थी।
सूत्रों ने बताया कि लता बाई कुल्हाड़े के निवास पर अनजान और संदिग्ध लोगों की आवाजाही लगातार ही बनी रहती है। कोतवाली पुलिस लगभग हर बार लता बाई पर मेहरबान ही नजर आती है। इस आडियो में लता बाई के द्वारा चालीस हजार रूपए हर माह कोतवाली को दिए जाने की स्वीकारोक्ति से सभी अचंभित हैं।
सूत्रों ने बताया कि सट्टा क्वीन के नाम से मशहूर लता बाई कुल्हाड़े के द्वारा तत्कालीन नगर निरीक्षक अरविंद जैन पर कथित तौर पर चालीस हजार रूपए हर माह देने की बात की जांच भी अलग से करवाए जाने की अनुशंसा एक पुलिस अधिकारी के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक से की है और वह जांच जारी भी है।
सूत्रों ने कहा कि लता बाई कुल्हाड़े के मोबाईल नंबर्स के काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) की अगर बारीकी से जांच करवा ली जाए तो लता बाई को सट्टा खिलाने के लिए दिए गए घोषित अघोषित संरक्षण में लिप्त लोगों के चेहरों पर से नकाब उठने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।