(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (सायी)। एक तरफ तो मिलावट को लेकर राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है जिसमें खाद्य पदार्थों के नमूने लिये जाकर उनकी जाँच की जा रही है, वहीं दूसरी ओर फल और सब्जियों के मामले में विभाग उदासीन ही नज़र आ रहे हैं।
सरकार के नुमाईंदों के द्वारा बरती जाने वाले कथित ढील के चलते अब मिलावट खोरों की चाँदी हो रही है। फलों और सब्जियों में केमिकल की भारी मात्रा लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। सिर्फ फल और सब्जियां ही नहीं दूध और यहाँ तक कि दाल चावल में भी खतरनाक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड पाचन तंत्र खराब करता है, किडनी पर प्रभाव, कैंसर मेलेकाइट ग्रीन लीवर आंत, किडनी सहित पूरे पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाता है। ऑक्सीटोसीन नपुंसकता और बांझपन, कैंसर मेटानिन यूरो पाचन तंत्र खराब करता है।
कैसे चुनें फल, सब्जियां : जानकार बताते हैं कि सब्जियों और फल पर कोई दाग, धब्बे न लगे हों, वो कहीं से कटे हुए न हों हमेशा फल व सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें। छिलका निकालकर इस्तेमाल करने से केमिकल्स का असर कम होगा सब्जियों के ऊपरी पत्ते व परतों को निकालने के बाद उसका इस्तेमाल करें, जैसे, पत्तागोभी या सलाद के पत्ते। कृत्रिम तरीके से पके आम में पीले और हरे रंग की धारियां होंगी। ज्यादा चमकदार फलों और सब्जियों से बचें।
क्यों होता है उपयोग : फल कैल्शियम कार्बाइड, एसिटीलीन, फलों को जल्द पकाने एथीलीन और चमकदार बनाने सब्जियां ऑक्सीटोसिन, मेलेकाइट ग्रीन कुछ घण्टों में पकाने और (कपड़ा रंगने का रसायन) गहरा हरा रंग देने के लिये दूध, पनीर यूरिया, शैम्पू गाढ़ा और चिकनाई बढ़ाने के लिये दाल मेटानिन यूरो चमकदार पीले रंग के लिये चावल टाट्रामीन चमकदार बनाने के लिये किया जाता है।
जानकारों के मुताबिक लगातार इनके सेवन से किडनी, आंतों और पेट के कैंसर जैसे गंभीर रोग भी हो सकते हैं। जानकार बताते हैं कि मेलेकाइट ग्रीन लिवर, आंत, किडनी सहित पूरे पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाता है। वहीं ऑक्सीटोसीन नपुंसकता का कारण भी बनता है।