रमज़ान में पानी को तरस रही शिव की नगरी!

 

 

नगर पालिका के ट्रैक्टर्स की उखड़ रहीं साँसें, लोग हो रहे हलाकान

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। अपने आँचल में आधा दर्जन से ज्यादा तालाबों को समेटे हुए, शिव की नगरी कहलाने वाले सिवनी के निवासियों को भीषण गर्मी में पानी के लिये जद्दोजहद करना पड़ रहा है। नवीन जलावर्धन योजना के ठेकेदार की मश्कें कसने में नाकाम नगर पालिका प्रशासन को नागरिकों की परेशानी से ज्यादा सरोकार नजर नहीं आ रहा है।

अगर किसी को यह बताया जाये कि सिवनी शहर में बबरिया, दलसागर, मठ, रेल्वे स्टेशन के पास दो, बुधवारी, पुलिस लाईन के पास आदि आधा दर्जन तालाब हैं, सिवनी को जल प्रदाय के लिये अथाह जलसंग्रह क्षमता वाले भीमगढ़ बाँध का उपयोग किया जाता है। जिले से होकर करोड़ों अरबों लोगों की प्यास बुझाने वाली पुण्य सलिला बैनगंगा उद्गमित होती है फिर भी सिवनी शहर सालों से गर्मी के मौसम में प्यासा ही रह जाता है तो वह दांतों तले ऊंगली दबा लेगा।

इसका कारण सिवनी में पेयजल प्रदाय करने के लिये करीने से योजनाएं नहीं बनाया जाना और अगर योजना बनी भी हैं तो उनका क्रियान्वयन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाना ही प्रमुख है। सिवनी शहर को दोनों समय पानी देने के उद्देश्य से बनायी गयी भीमगढ़ जलावर्धन योजना आरंभ से ही दम तोड़ती प्रतीत होती रही है। यही आलम नवीन जलावर्धन योजना का है।

नवीन जलावर्धन योजना को लेकर भरी गर्मी में प्रयोग जारी हैं, जिसके कारण शहर में पानी की त्राहि त्राहि मची हुई है। सिवनी शहर को पानी प्रदाय करने वाले अन्य प्राकृतिक स्त्रोत रखरखाव के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान न दिये जाने के कारण सिवनी में भूमिगत जल स्तर 600 फीट से नीचे चला गया है।

लोगों का कहना है कि भरी गर्मी में उनका आधा दिन तो पानी की जुगाड़ में ही निकल जाता है। सोशल मीडिया व्हाट्सएप, टिवीटर, फेसबुक पर सिवनी में पेयजल संकट पर चर्चाओं के दौर जारी है। प्रदेश में सत्तारूढ़ काँग्रेस और नगर पालिका में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नुमाईंदों का राहुल, मोदी पर आरोप – प्रत्यारोप बचाव से फुर्सत नहीं है कि वे इस ज्वलंत समस्या पर कुछ कह और कर पायें।

शहर मे मची पानी की त्राहि त्राहि के चलते निजि तौर पर पानी ठण्डा कर, उसे आरओ वाटर प्रचारित कर इसका व्यापार करने वालों की पौ बाहर दिख रही है। नगर पालिका के एक वाहन में पानी के बीस लिटर वाले कंटेनर्स को ढोया भी जा रहा है, जो अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं माना जा सकता है।

वर्तमान समय में भीषण गर्मी का दौर जारी है। दिन में भगवान भास्कर के तल्ख तेवर और गर्म हवाओं से लोगों का दम निकला जा रहा है। ऐसे में पानी न मिल पाने के कारण लोगों के कण्ठ प्यासे रह जा रहे हैं। जिला कलेक्टर के द्वारा भीड़ भाड़ वाले इलाकों में शीतल पेयजल के लिये निर्देश जारी किये गये हैं, पर ये निर्देश भी हवा में ही उड़ते दिख रहे हैं।

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