बारिश में जब चाहे तब बंद हो जाता है आवागमन
(ब्यूरो कार्यालय)
आदेगांव (साई)। आदेगांव से 23 किमी की दूरी पर स्थित खूबी जमकोना गांव सहित लगभग 25 से 30 गांवों के ग्रामीण शेढ़ नदी की पुलिया पर उफनाते तेज पानी की बाढ़ के कारण जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
तेज बहाव के दौरान कई बार इन गांवों का संपर्क दूसरे गांव से टूट जाता है। पानी के तेज बहाब से इस पुलिया के दोनो ओर की साइड पट्टियां भी बह चुकी हैं। इससे पुलिया पर और भी खतरा बढ़ गया है।
इन ग्रामीण क्षेत्रों के बाशिंदों को स्वास्थ्य सेवा जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी 25 से 30 किमी का सफर तय करना पड़ता है। आवश्यक रोजमर्रा की वस्तुओं के साथ साथ उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों व ग्रामीण जनों को 15 से 20 किलो मीटर के दायरे से बाहर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।
यमुना प्रसाद उइके, बलराम सिंह धुर्वे, शारत लाल उइके, अशोक भलावी, संतोष, गनेश ताराम ने बताया कि आठवीं कक्षा के बाद इन क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर विराम लग जाता है। आगे की पढ़ाई व्यवस्था न होने की वजह से ये छात्र पढ़ाई छोड़कर खेती किसानी में अपना हाथ बंटाने लगते है।
लोगों ने बताया कि शेढ़ नदी के रपटे पर बड़ा पुल न बनाए जाने के कारण प्रति वर्ष बरसात के चार माह लोगों को परेशानी उठानी पड़ाती हैं। हाल ही में इस पुलिया के ऊपर से बहते हुए पानी को पार करने की कोशिश मे जमकोना के चंदरसिंह पिता कुदाली धुर्वे व ग्राम खूबी के बुद्दूसिंह भलावी की मौत हो गई है। कई बार तो इन गांवों के मवेशी भी इस तेज बहते पानी में बह चुके है।
ग्रामीणों ने बताया हैं कि पिछले दो दशकों से इस क्षेत्र के लोग शासन प्रशासन से सभी ग्रामों मे स्वास्थ्य, हाईस्कूल, रोजगार संबंधी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करवाने की मांग के साथ साथ शेढ़ नदी के पुल को ऊंचा करने की मांग करते आ रहे है। लेकिन इस मांग पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।