अब तक नहीं ली डीईओ ने सुध!

 

 

0 कॉपी, किताब, गणवेश में लुटेंगे . . . 07

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। मनमानी पर उतारू निजि स्कूल और किताब विक्रेता डंके की चोट पर फीस, कॉपी, किताब, यूनिफॉर्म के नाम पर अभिभावकों को महीने भर से लूट रहे हैं, लेकिन स्कूल और दुकानदारों के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही करना तो दूर की बात, जाँच – पड़ताल करने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

अभिभावकों का कहना है कि कमीशन के चक्कर में निजि स्कूल और चुनिंदा किताब दुकानदारों ने आपसी सांठ – गांठ कर, सिलेबस में निजि प्रकाशकों की महंगी किताबें शामिल कर ली हैं। अभिभावकों पर परोक्ष तौर पर दबाव बनाते हुए उन्हें चुनिंदा दुकानों से ही कॉपी – किताबें और गणवेश खरीदने पर मजबूर किया गया है।

पालकों के बीच चल रहीं चर्चाओं के अनुसार किताब दुकान और यूनिफॉर्म विक्रेता कॉपी, किताब, यूनिफॉर्म में अपने हिसाब से रेट डालकर अभिभावकों से मुँहमाँगा पैसा ले रहे हैं। सोमवार से नया शिक्षण सत्र आरंभ हो रहा है लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। लिहाजा अभिभावक भी बिना कुछ कहे घण्टों लाईन में लगकर स्कूलों की बतायी दुकानों से किताब, यूनिफॉर्म खरीदकर लुटने को मजबूर हैं।

सोमवार से नया शैक्षणिक सत्र भी आरंभ हो जायेगा, इसके बाद भी अब तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इस आशय के आदेश जारी नहीं हो पाये हैं जिसमें गणवेश और कॉपी किताबों के संबंध में राज्य सरकार के आदेशों का कहीं जिकर हो। ज्ञातव्य है कि 26 मार्च को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान इस तरह का आदेश जल्द जारी करने की बात कही थी।

01 अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र आरंभ होते ही विद्यार्थियों की कक्षाएं आरंभ हो जायेंगी। अधिकांश विद्यार्थियों के द्वारा अब तक गणवेश, कॉपी, किताब आदि खरीद ली गयी होगी। जिन विद्यार्थियों ने अभी नहीं खरीदी होंगी वे भी एक दो दिन में इसे खरीद ही लेंगे।

अभिभावकों के बीच चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाये तो हर साल की तरह इस साल भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा गणवेश और कॉपी, किताब के मामले में अभिभावकों की जेब तराशी रोकने की किसी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गयी है।