आपदा प्रबंधन की खुली कलई!

 

 

ग्रामीणों ने खोजा और निकाला शव!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। प्रशासन के द्वारा आपदा प्रबंधन के संबंध में चाहे लाख दावे किये जाते रहे हों पर जिले में आपदा प्रबंधन की स्थिति क्या है यह बात रविवार 08 सितंबर को देर रात मुंगवानी रोड पर बहे चार पहिया वाहन को खोजने और इसमें बैठे दो लोगों को ढूंढते समय साबित हुई।

ज्ञातव्य है कि रविवार को देर रात, शहर के तीन युवा गोरखपुर ग्राम से चार पहिया वाहन में सवार होकर सिवनी की ओर वापस लौट रहे थे। इसी बीच पुसेरा में स्याह अंधकार के बीच उफनाते नाले में पानी का जायजा लेने एक युवक उतरा, इसी बीच वाहन चला रहे युवक ने अपने साथी के साथ वाहन को पार करने का प्रयास किया जिसके बाद उक्त चार पहिया वाहन नाले के तेज बहाव में बह गया।

इस दौरान जो युवक पानी का जायजा लेने उतरा था, उसके द्वारा इसकी जानकारी सिवनी में अपने परिचितों को दे दी गयी। कुछ ही मिनिटों में सिवनी से भारी मात्रा में युवाओं की फौज मौके पर जा पहुँची। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार इस दौरान आपदा प्रबंधन का दल मौके पर काफी विलंब से पहुँचा।

प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार आपदा प्रबंधन दल से जब लोगों ने वाहन और वाहन में बैठे लोगों को खोजने की गुहार लगायी तो दल के द्वारा तेज बारिश होने की बात कहकर बारिश थमने का इंतजार करने की बात कही गयी। आपदा प्रबंधन दल के पास प्रकाश के पर्याप्त साधन भी नहीं थे।

प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि सुबह जब पानी कम होना आरंभ हुआ तब मौके पर मौजूद आसपास के ग्रामीणों के द्वारा खेत में वाहन को देखा जाकर, वाहन की खाना तलाशी तक ले ली गयी। वाहन में दोनों बहे युवक नहीं मिलने पर ग्रामीण और आगे जा पहुँचे। आगे ग्रामीणों को दोनों बहे युवकों के शव दिखायी दिये।

प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि इनमें से जय सनोडिया के शव को ग्रामीणों के द्वारा ही आगे जाकर खोजकर निकाला गया। भाजपा नगर अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, अजय बाबा पाण्डेय, दीपू कनौजिया आदि युवकों के द्वारा जय सनोडिया के शव को उठाकर लाया गया। रास्ते में कीचड़ होने के कारण उन्हें शव को निकालने में परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।

इधर, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिले में आपदा प्रबंधन के नाम पर महज रस्म अदायगी ही हो रही है। उन्होंने कहा कि जब एक शव को लेकर लोग सड़क तक आ गये तब तक आपदा प्रबंधन की टीम के द्वारा नाव में हवा ही भरी जा रही थी।