बालिकाओं को भोजन के लिये जाना पड़ रहा बालक छात्रावास!
(संतोष बर्मन)
घंसौर (साई)। ट्रायवल वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित जिले के इकलौते एकलव्य आवासीय विद्यालय में आपसी खींचतान चरम पर है। इसका असर परीक्षा परिणामों में साफ तौर पर परिलक्षित होने के बाद भी उच्चाधिकारियों की तंद्रा नहीं टूट पा रही है।
आये दिन चर्चाओं और विवादों में रहने वाले इस आवासीय विद्यालय में नित नये मामले प्रकाश में आ रहे हैं। हाल ही में एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है। इस विद्यालय के बालिका छात्रावास में निवासरत छात्राओं को सुबह के नाश्ते से लेकर रात तक के भोजन के लिये बालक छात्रावास के भोजनालय में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जनजातीय कार्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कुछ दिन पूर्व हुए विवाद के उपरांत विद्यालय के प्राचार्य एम.एस. डहेरिया के द्वारा बालिका छात्रावास की मैस को बंद करवाकर छात्राओं को सुबह के नाश्ते से रात के खाने तक के लिये बालक छात्रावास में जाने के लिये आदेशित किया गया है। देर रात तक छात्राओं के द्वारा बालक छात्रावास में जाकर भोजन करने पर पालकों ने भी अपना कड़ा विरोध इस मामले में दर्ज कराया है।
सूत्रों की मानें तो प्राचार्य के द्वारा विद्यालय का प्रशासन सम्हल नहीं रहा है। इसके पहले साल भर में एक जोड़ी गणवेश ही मिल पायी थी। इसके अलावा इस विद्यालय के परीक्षा परिणामों पर भी इसका असर साफ दिखायी दे रहा है। अब देर रात तक छात्राओं को बालक छात्रावास ले जाये जाने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है।
मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैने जाँच टीम गठित कर एकलव्य आवासीय विद्यालय भेजी है. जाँच में जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कार्यवाही की जायेगी.
सतेंद्र मरकाम,
सहायक आयुक्त,
जनजाति कार्य विभाग.