आम की सुगंध से महकती हैं हवाएं
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। गर्मी का मौसम आम की मिठास के बिना अधूरा है। इन दिनों बाजारों में हर स्थान पर आम दिखने लगे हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि सबसे पहला आम कहाँ से आता है। शायद आपके मन में हो कि उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद या साउथ इंडिया के किसी राज्य से आता होगा क्योंकि ये स्थान आम के लिये काफी प्रसिद्ध रहे हैं।
मगर, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सीजन का पहला आम केरल के मुथलमदा से ही बाजार में आता है। यहाँ फरवरी से ही हवा में आम की मिठास घुलने लगती है। मार्च में यहाँ पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है और आम पककर बाजार में आने के लिये तैयार हो चुके होते हैं।
यह स्थान पलक्कड़ से लगभग 27 किलोमीटर दूर है। यहाँ आम के बगीचे 4500 हेक्टेयर भूमि में फैले हैं। शहर से सालाना 200 करोड़ रूपये के आम देश – विदेश में भेजे जाते हैं। यहाँ से आम को या तो खाड़ी देशों में या यूरोपीय देशों में निर्यात किया जाता है या दिल्ली, मुंबई, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में ट्रक से उन्हें भेजा जाता है।
स्थानीय बाजार के लिये प्रियर, नीलम, चंद्रकरण और मूवांदम को उगाया जाता है। वहीं, उत्तर भारतीय बाजार के लिये मुथलमदा से हापुस, तोतापारी, मालगोवा और बंगाना पल्ली जैसी प्रजाति के आम भेजे जाते हैं। आम के बाजार में भारत के निकटस्थ प्रतियोगी पेरू और वेनेजुएला हैं। मगर, मुथलमदा में आम की फसल फरवरी के आरंभ में ही तैयार हो जाती है।
मुथलमदा के आम बेहतरीन क्वॉलिटी के होते हैं, लिहाजा इनकी कीमत भी अधिक होती है। एक किसान ने बताया कि एक्सपोर्ट क्वॉलिटी के पाँच किलो आम की पेटी के लिये 2000 रूपये आराम से मिल जाते हैं। उत्तर भारत में दिसंबर से फरवरी के बीच शादी के सीजन में आम की जबरदस्त माँग होती है। फलों की टोकरी में आम मंगाने के लिये लोग कोई भी कीमत देने को तैयार होते हैं और व्यापारियों को पता है कि आम की पहली खेप केरल से ही मिलेगी।