बिना निर्माण, अवसान तिथि के धड़ल्ले से बिक रहा माल

 

 

शोभा की सुपारी बना खाद्य औषधि प्रशासन

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिले भर में बंद पैकिट में मिलने वाली अधिकांश खाद्य सामग्रियों में न तो निर्माता का नाम है, न निर्माण करने की तिथि और न ही अवसान (एक्सपायरी) तिथि अंकित है, फिर भी धड़ल्ले से इनकी बिक्री वर्षों से जारी है। इस पर नजर रखने वाले खाद्य और औषधि प्रशासन के भी हाल बेहाल ही नजर आ रहे हैं।

खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिये भले ही सरकार ने कठोर खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया हो, लेकिन जिले में खाद्य पदार्थों में शुद्धता नहीं आयी है। यही वजह है कि आज भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषित पैक खाद्य सामग्री, बड़े पैमाने पर बिक रही हैं। इनका उपयोग त्यौहार, शादी, सामाजिक समारोह सहित दैनिक उपयोग आदि में किया जा रहा है। इन उत्पादों पर न निर्माता का पता है और न ही प्रोडॅक्शन और एक्सपायरी तारीख अंकित है। बावजूद इसके विभागीय कार्यवाही नहीं हो रही है।

शहर में कई स्थानों पर नमकीन बनाने की घरेलू फैक्ट्रियां संचालित हैं और यहीं से शहर सहित जिले भर में नमकीन की सप्लाई भी की जा रही है, लेकिन खाद्य नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। स्थिति ये है कि नमकीन निर्माता, नमकीन पैकिटों में पैक कर बेच रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा निर्मित पैकेट पर न तो फॉर्मूला अंकित होता है और न ही प्रोडॅक्शन व एक्सपायरी डेट। यहाँ तक कि फैक्ट्री का पता भी नहीं लिखा होता है। यही वजह है कि गर्मी में ऐसी अमानक स्तर की खाद्य सामग्री सेहत के लिये खतरनाक साबित होती है।

बताया जाता है कि शहर में ही कई घरेलू फैक्ट्रियां चल रही हैं जिनमें सेव, चूड़ा, नमकीन, नड्डे, तोस, गाठिया, दाल, फलाहारी नमकीन, मुरमुरा, पॉपकॉर्न, पिण्ड खजूर जैसी चीजें पैक कर बाजार में बेचने के लिये तैयार किया जाता है। बाजार में प्रोडॅक्ट बेचने के लिये खाद्य पदार्थों के लिये जो नियम बनाये गये हैं उनका पालन नहीं किया जा रहा है। इससे प्रोडॅक्ट के बारे में ये पता नहीं चल पाता है कि वह कब बनाया गया है और उसका उपयोग कब तक किया जा सकता है। इन दिनों बाजार में ऐसे ही पैकिट्स की भरमार है।

वहीं, शहर में जो खाद्य सामग्री बनाकर पैक की जा रही है, उसमें सामग्री की शुद्धता भी नजर अंदाज की जा रही है। बेसन के नाम पर बाजार में जो नमकीन मिल रहा है उसमें मिलावटी सामग्री नजर आ रही है। तेल भी घटिया स्तर का उपयोग हो रहा है। इसकी कीमत शुद्ध सामग्री से कम रखकर बेची जाती है, जिससे लोग इसे लेने को तैयार हो जाते हैं।

बिना प्रोडॅक्शन डेट, बिना एक्सपायरी डेट बिक रही खाद्य सामग्री के मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अगर इस संबंध में अधिकारियों से प्रश्न किया जाये तो उनका रटा रटाया जवाब होता है, कि आपने हमारे संज्ञान में बात लायी है हम कार्यवाही जरूरी करेंगे।