शिक्षा विभाग ने अब तक नहीं जारी किये कोई आदेश!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। प्रदेश में इस बार दीपावली के पर्व पर शालाओं में कितने दिन के अवकाश होंगे इस पर संशय बरकरार है। शिक्षा विभाग के द्वारा अब तक इस संबंध में किसी तरह के आदेश जारी नहीं किये जाने से कुहासा बरकरार है कि अवकाश कितने दिन के होंगे!
मध्य प्रदेश में इस साल दीपावली की छुट्टियां कितने दिन होंगी। इस सवाल का जवाब हर कोई तलाश रहा है। दरअसल, विधान सभा के मॉनसून सत्र में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से मंजूर किया गया था जिसमें लिखा था कि स्कूलों में पहले जैसे दशहरे से दीपावली तक 24 दिनों की छुट्टियां होनी चाहिये।
अशासकीय संकल्प में बरगी विधायक संजय यादव ने विधान सभा में यह प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि समाज में लोगों का जुड़ाव कम हो रहा है। हमारे जो तीज – त्यौहार हैं, संस्कृति है, उससे भावी पीढ़ी दूर जा रही है। पढ़ाई तो एक बोझ की तरह हो गयी है, जिससे थोड़े दिन के अवकाश से त्यौहारों का सही आनंद बच्चे नहीं ले पाते हैं।
संजय यादव का कहना था कि कई लिहाज से यह सही नहीं है और इसमें बढ़ौत्तरी के साथ बदलाव की जरूरत है। इस तरह के बदलाव से बच्चों का जुड़ाव बेहतर हो सकता है। बच्चों की पढ़ाई पर वैकेशन वाले दिनों का असर न हो, शैक्षणिक कैलेण्डर इस अंदाज में तैयार किया जा सकता है। इस प्रस्ताव को सदन ने सर्व सम्मति से स्वीकार कर लिया। विधायक संजय यादव ने पिछले दिनों इस बावत रिमांइडर भी लिखा है।
देरी कर रहा स्कूल शिक्षा विभाग : अब स्कूल शिक्षा विभाग को इस प्रस्ताव के आधार पर अवकाश घोषित करना है परंतु समय पर काम ना करने की आदत के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर भी कोई घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि अभी स्कूलों में दशहरे के समय 03 दिनों का अवकाश रहता है। इसी तरह दीवाली के समय भी 05 दिवसीय अवकाश होता है। होली के समय तीन दिन की छुट्टियां और इसी तरह अवकाश का कैलेण्डर है।
त्यौहारी छुट्टी के तुरंत बाद कोई परीक्षा नहीं होगी : दीपावली, दशहरा में अवकाश दिवस बढ़ाने के अलावा यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि होली जैसे त्यौहार के बाद कोई भी परीक्षा तुरंत नहीं होनी चाहिये। होली के बाद बच्चों को पेपर की तैयारी करने के लिये कम से कम एक सप्ताह का वक्त मिलना चाहिये। इससे न केवल मानसिक दबाव कम होगा, बल्कि इससे परिणाम भी भविष्य में बेहतर आ सकते हैं।
विधायकों का इस तरह के प्रस्ताव में मानना भी है कि यदि मध्य प्रदेश सरकार इसको स्वीकार करती है, तो सीबीएसई में इसी तरह की वैकेशन प्रणाली लागू की जा सकती है, जो पूरे देश के छात्रों के लिये हितकारी होगी। वैकेशन पीरियड बढ़ाने को लेकर कई तरह के तर्क दिये गये हैं।