(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले में वन्य जीवों के शिकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। वन विभाग के द्वारा वन्य जीवों के अंर्तराज्यीय शिकारियों को पकड़कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया।
वन विभाग के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 16 मार्च को कायम वन अपराध में पकड़े गये चार आरोपियों को वन विभाग के द्वारा रिमाण्ड पर लिया जाकर उनसे पूछताछ में अंर्तराज्यीय स्तर पर वन्य जीवों की हत्या कर उनके अंगों की तस्करी के आरोपी वन विभाग के हत्थे चढ़े हैं। इस गिरोह में मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ के आरोपी भी शामिल हैं।
जारी की गयी विज्ञप्ति के अनुसार इसमंे देवराज पिता रायसिंह निवासी कुरेन्डा परसवाड़ा बालाघाट मध्य प्रदेश से, दुर्गेश पिता भैया लाल ग्राम विजेपार, रामचंद्र वल्द राधे लाल कुकोड़े अलेबेदर एवं रामदास पिता गेंदराम सराठे ग्राम थोयाटोला सभी निवासी जिला गोंदिया महाराष्ट्र को पकड़ने में वन विभाग को कामयाबी मिली है।
विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यवाही में गिरोह से बाघ, पेंगोलिन एवं अन्य वन्य प्राणियों के अवशेष मिले, जिन्हें जप्त कर कार्यवाही की गयी। इस गिरोह का उद्देश्य तंत्र – मंत्र अंध विश्वास के द्वारा ग्रामीणों को गुमराह कर शोषण करना कुबूल किया गया है। सभी आरोपियों को सोमवार 18 मार्च को न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
उक्त कार्यवाही में बी.पी. तिवारी, सहायक वन संरक्षक, सिवनी क्षेत्र, परिक्षेत्र अधिकारी रूखड़, एस.के. गुर्जर, परिक्षेत्र अधिकारी, सती राम उईके, वनपाल, शत्रुघ्न मरकाम, वनरक्षक संतोष सोनी, मनोज सकरोले एवं अंजलि बघेल का विशेष योगदान रहा। बताया गया है कि प्रकरण में विवेचना जारी है।
वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे बाबाओं एवं पण्डाओं के अंधविश्वास से दूर रहंे एवं उनके बरगलाने से प्रभावित होकर वन्य प्राणियों के शिकार जैसी अनैतिक गतिविधियों में अपने आप को संलग्न न करें।