शहर के अंदर जंगल सा मनमोहक वातावरण!

 

 

पक्षियों के कलरव से होता है मन आनंदित

(विशेष प्रतिनिधि)

सिवनी (साई)। भागदौड़ की जिंदगी के बीच सिवनी शहर भी शनैः शनैः कांक्रीट के जंगल में तब्दील होता जा रहा है। शहर के अंदर यदि आपको जंगल का आभास हो तो आपका मन आनंदित होना स्वाभाविक ही है। जी हाँ, शहर की सबसे पुरानी कॉलोनी में पौ फटते ही पक्षियों का कलरव एक सुहावना एहसास कराता है।

शहर की सबसे पुरानी कॉलोनी मानी जाती है ज्यारत नाका स्थित स्टेट बैंक कॉलोनी। इस कॉलोनी को भारतीय स्टेट बैंक की सहकारी समिति सदस्यों के द्वारा बनाया गया है। यहाँ अधिकांश निवासी भारतीय स्टैट बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। इस कॉलोनी के आरंभ में लगाये गये पौधे अब भरे पूरे पेड़ में तब्दील हो चुके हैं।

इस कॉलोनी में सुबह से ही पक्षियों का कलरव सुखद अनुभूति देता है। अलह सुब्बह सैर को निकलने वाले अनेक लोग स्टेट बैंक कॉलोनी का चक्कर लगाना नहीं भूलते हैं। यहाँ विलुप्त हो चुकीं पक्षियों की अनेक प्रजातियां भी देखने को मिल जाती हैं। शाम के समय यहाँ सैकड़ों की तादाद में शोर मचाते तोते देखते ही बनते हैं।

यहाँ कोयल अपनी मीठी कूक से लोगों को आनंदित करती है तो दिन भर गुरैया यहाँ वहाँ फुदकती दिख जाती है। इतना ही नहीं रात में पपीहा भी अपनी सुमधुर आवाज निकालते सुना जा सकता है। जल मुर्गी भी यहाँ दिखती है तो रंग बिरंगी चिड़ियाएं भी यहाँ की शोभा बनी हुई है।

लोगों का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से सटी इस कॉलोनी के आसपास वन विभाग के स्वामित्व वाली जमीन पर फलदार पौधों को लगा दिया जाये तो पक्षियों के लिये नये आशियाने भी बनाये जा सकते हैं।

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