निर्देश बेअसर, सीबीएसई स्कूलों में चल रहीं निजि प्रकाशकों की किताबें!

 

 

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों पर मार्च में ही खर्चे का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है। स्कूलों द्वारा रिजल्ट जारी होते ही अभिभावकों को अगली कक्षा की किताबें खरीदने की सूची थमायी जा रही है।

इतना ही नहीं सीबीएसई स्कूलों में न तो गाईड लाईन का पालन हो रहा है और न ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश माने जा रहे हैं। इन स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की बजाय निजि प्रकाशकों की किताबें चलायी जा रही हैं। इन परिस्थितियों में अभिभावकों को महंगी किताबों का सेट खरीदना पड़ रहा है। वहीं सभी कक्षाओं में 10 से 15 किताबें चलायी जा रही हैं, जबकि सीबीएसई बोर्ड ने सभी कक्षाओं के लिये किताबों की संख्या तय कर रखी है।

सीबीएसई के निर्देश दो से तीन किताबें चलायें : सीबीएसई ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि सभी कक्षाओं में किताबों का बोझ बच्चों पर न लादें। बोर्ड ने सभी कक्षाओं के अनुरूप किताबों की संख्या तय की है। इसमें पहली व दूसरी में तीन, तीसरी व चौथी में चार, पाँचवीं में छः, छठवीं व सातवीं में 10 और आठवीं में 13 टेक्स्ट बुक चला सकते हैं। प्राईमरी कक्षाओं में 10 से 12 किताबें निजि प्रकाशकों की चलायी जा रही हैं।

जिले भर में सीबीएसई से संबद्ध शालाओं में विद्यार्थियों को अव्वल तो री एडमीशन के नाम पर लूटा जा रहा है। इसके बाद उन्हें दबे छुपे किताबों की सूची और वे किताबें किन दुकानों पर प्राप्त होंगी इसकी सूची भी प्रदाय की जा रही है।

नहीं देना है पहली से दूसरी कक्षा तक होमवर्क : मद्रास हाई कोर्ट ने जून 2018 में फैसला सुनाया था कि सीबीएसई स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की किताबें चलायी जा सकेंगी, लेकिन सभी स्कूलों में पहली से पाँचवीं कक्षा तक 10 से 12 किताबें निजि प्रकाशकों की चलायी जा रही हैं।

वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने निर्देश जारी कर सभी सीबीएसई स्कूलों को निर्देश दिया था कि कक्षा पहली व दूसरी में होमवर्क नहीं देना है। वहीं, पहली व दूसरी में लेंग्वेज व मैथामेटिक्स की किताबें ही चलेंगी, कक्षा तीसरी व चौथी में लेंग्वेज, मैथामेटिक्स व ईवीएस की किताबें चलेंगी।

जिले में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा सालों से इस बात की जाँच भी नहीं करायी गयी है कि किन – किन शालाओं में कितनी – कितनी और किन – किन प्रकाशकों की किताबें चलन में हैं। शालाओं के गणवेश किन – किन दुकानों में मिल रहे हैं। शालाओं में विद्यार्थियों के परिवहन में लगे वाहनों में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा तय मानकों के हिसाब से व्यवस्थाएं हैं भी अथवा नहीं।