लू से बचाव : एडवाईज़री हुई जारी

 

बच्चों तथा बुजुर्गाें का रखें खास ध्यान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। तापमान में वृद्धि के कारण लोगों को लू अथवा तापघात होने की आशंका रहती है। बढ़ती गर्मी के मद्देनजर लू तथा तापघात से बचाव के लिये स्वास्थ विभाग द्वारा जारी लोगों को धूप व गर्मी से बचने की सलाह दी गयी है।

लोगों को घर के अन्दर हवादार, ठण्डे स्थान पर रहने के लिये कहा गया है। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो बाहरी गतिविधियां सुबह व शाम के समय में ही करें। बढ़ती गर्मी में शिशु तथा बच्चों, 65 वर्ष से अधिक आयु के महिला – पुरूषों, घर के बाहर काम करने वाले लोगों, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।

लू-तापघात से बचाव, नियंत्रण एवं उपचार के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को धूप से बचने, घर के अंदर हवादार ठण्डे स्थान पर रहने, धूप में जाने से पहले सिर को छाते, कपडे़ अथवा टोपी से ढंकने, हल्के रंग के ढीले व पतले वस्त्रों को इस्तेमाल में लाने की सलाह दी गयी है। बंद गाड़ी के अन्दर का तापमान बाहर से अधिक होता है। कभी भी किसी को बंद, पार्किग में रखी गाड़ी में अकेला नहीं छोड़ें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें।

लोगों को सलाह दी गयी है कि कूलर अथवा एयर कण्डीशनर से निकलकर एकदम बाहर न जायंे। खाली पेट बाहर जाने से परहेज करें। भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें। अधिक से अधिक पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, लस्सी, छांछ, जलजीरा, आम का पना, दही, नारियल पानी इत्यादि का सेवन करें।

इसी प्रकार एल्कोहल युक्त नशीले पेय पदार्थाे के सेवन से बचें। चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक तथा ऐसे पेय पदार्थों जिनमें शक्कर की मात्रा अधिक होती है, के सेवन से परहेज करें। फल तथा सब्जी जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है विशेषकर तरबूज, खरबूज, खीरा, संतरा, अंगूर इत्यादि का सेवन अधिक मात्रा में करें।

लू-तापघात लगने पर प्राथमिक उपचार : लू से पीड़ित व्यक्ति का तुरंत प्राथमिक उपचार करना आवश्यक है। लू से पीड़ित व्यक्ति को छायादार स्थान पर कपड़े ढीले करके लिटा देना चाहिये तथा हवा करना चाहिये। रोगी को होश में आने की दशा में प्याज का रस अथवा जौ का आटा भी ताप नियंत्रण के लिये मला जा सकता है। शरीर का तापमान कम करने के लिये उसे ठण्डे पानी से स्नान करायें अथवा शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियां रखकर पूरे शरीर को ढंक दें और तत्काल निकट के चिकित्सा संस्था में उपचार लें।