अनेक शालाएं र्हुइं शिक्षक विहीन!

 

 जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने उठाया सवाल

(ब्यूरो कार्यालय)

घंसौर (साई)। स्कूल चलो अभियान के तहत सब पढ़ें, सभी बढ़ें, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि नारों के साथ रैली निकाल लोगों को जागरूक किया जा रहा है लेकिन विकास खण्ड घंसौर के अंतर्गत आने वाले अधिकांश स्कूलों के थोक के भाव में हुए तबादलों के चलते कुछ स्कूल शिक्षक विहीन हो गये हैं या फिर दर्जनों स्कूल एक शिक्षकीय हो गये हैं।

जो शासकीय स्कूल शिक्षक विहीन हो गये हैं, उनमें प्रमुख रूप से माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला कुदवारी, प्राथमिक कन्या शाला केदारपुर, प्राथमिक शाला चुरहन टोला के अलावा एक शिक्षकीय स्कूलों की भरमार है। शिक्षक विहीन प्राथमिक शाला में अध्ययन कर रहे बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक चिंतित दिखायी दे रहे हैं। लोग विद्यालयों में शिक्षक की माँग कर रहे हैं।

क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है कि स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती में इस कदर अनियतिता बरती गयी है कि कई स्कूलों में मानक से अधिक शिक्षक कार्यरत हें तो कई स्कूल शिक्षक विहीन हो गये हैं, कुछ स्कूल तो सिर्फ अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं। जन चर्चाओं की मानंे तो शिक्षकों के थोक के भाव में हुए तबादलों के इस खेल में पैसों का जमकर लेनदेन हुआ है। तबादला रुकवाने या फिर करवाने दोनों तरफ से पैसों का जमकर लेनदेन किया गया है लेकिन थोक के भाव में हुए तबादलों के भंवर में फसकर नौनिहालों का भविष्य दांव पर लग गया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ब्लॉक घंसौर में माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला के कुल मिलाकर 416 स्कूल एवं 27 हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 800 शिक्षकों के द्वारा 16 हजार 365 विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा हैं। शिक्षक विहीन हुए स्कूलों के बारे में जब घंसौर बीआरसीसी मनीष मिश्रा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि शिक्षक विहीन स्कूलों की सूची सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम को सौंप दी गयी है एवं पत्र लिखकर माँग की गयी है कि जल्द से जल्द शिक्षक विहीन स्कूलों में नियुक्ति की जाये।

उन्होंने बताया कि वर्तमान की स्थिति में शैक्षिक व्यवस्था बनाये रखने के लिये संबंधित स्कूलों के संकुल प्रचार्यों को भी पत्र लिख कर बताया गया है कि वे संकुल स्तर में अतिथि शिक्षकों की भर्त्ती करायें, जिससे कि कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन न रहे।

कुदवारी ग्राम पंचायत के उप सरपंच फारून मंसूरी ने बताया कि माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला में पदस्थ दोनों शिक्षक खड़ग सिंह पारधी एवं अनिल डहाटे का तबादला कर दिया गया है जिसके चलते विगत एक सप्ताह से इस विद्यालयों में कोई भी शिक्षक नहीं है। इस कारण तबादले की नयी नीतियों के चलते विद्यालय बंद होने की कगार में पहुँच गये हैं जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

किस शिक्षक का तबादला हो गया, कौन रिलीव हो गया, किसने जॉइन किया, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. यह सब अधिकारी लेवल का काम है. आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि कुछ शालाएं शून्य शिक्षकीय हो गयी हैं, जिसकी मैं घोर निंदा करता हूँ. घंसौर आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र है जिसमें बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया.. ट्रांसफर करने एवं रोकने के अधिकार हमारे पास नहीं है इसकी चिंता अधिकारियों को करना चाहिये.

चंद्रशेखर चतुर्वेदी,

अध्यक्ष जिला शिक्षा समिति,

जिला पंचायत सिवनी.