बायोमेट्रिक सिस्टम से नहीं हो रही हाजिरी!

 

 

चिकित्सकों और पेरामेडीकल स्टॉफ पर मेहरबान क्यों हैं प्रशासन

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय में सब कुछ सामान्य नजर नहीं आ रहा है। कोई निर्धारित से तीन गुना ज्यादा आकस्मिक अवकाश ले रहा है तो अस्पताल प्रशासन के द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लेने में दिलचस्पी नहीं दिखायी जा रही है। कुल मिलाकर आपसी सांठ-गांठ से चलने वाले प्रशासन के कारण मरण अंततः मरीजों की ही हो रही है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों और पेरामेडिकल स्टॉफ सहित सभी कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के जरिये लगाने के लिये लगभग तीन साल पहले अस्पताल प्रशासन के द्वारा बायोमेट्रिक मशीन को खरीदा गया था।

सूत्रों का कहना है कि तीन सालों से यह मशीन अस्पताल के भण्डार में पड़ी धूल खा रही है। सूत्रों ने कहा कि अगर यह मशीन लग जाये और हाजिरी इस मशीन के जरिये होने लगे तो अस्पताल में लेट लतीफी और शाम की ओपीडी से गायब रहने वाले चिकित्सकों की शामत आ सकती है।

क्या है सिस्टम : बायोमेट्रिक अटेंडेंस या बायोमेट्रिक उपस्थिति के बारे में आपने सुना ही होगा। देश में कई विभागों, स्कूलों में बायोमेट्रिक डिवाईस जैसे फिंगर प्रिंट स्केनर लगाये जा रहे हैं ताकि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लागू किया जा सके, लेकिन क्या आप जानते हैं बायोमेट्रिक्स या बायोमेट्रिक का अर्थ तथा बायोमेट्रिक प्रणाली कैसे काम करती है।

तो आईये जानने की कोशिश करते हैं बायोमेट्रिक प्रणाली : बायोमेट्रिक विज्ञान की एक शाखा है। इसे हिंदी में जैवमिति कहते हैं। यह शब्द दो यूनानी शब्दों बायोस और मेट्रोन से मिलकर बना है जिसमें बायोस का अर्थ जीवन से संबंधित और मेट्रोस का अर्थ माप करना होता है। इसमें तकनीक में किसी व्यक्ति की पहचान करने के लिये उसके बायोलॉजिकल आंकड़ों जैसे अंगूठे और उंगलियों के निशान और आवाज एवं आँखों का रेटिना, नसों के इंप्रेशन आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे करती है काम : बायोमेट्रिक प्रणाली में बायोमेट्रिक डाटा को इकट्ठा करने के लिये ज्यादातर ऑप्टिकल फिंगर प्रिंट स्केनर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें व्यक्ति की उंगलियों को स्केनर पर रख कर स्केन किया जाता है तो यह फिंगर प्रिंट स्केनर एक सॉफ्टवेयर में फिंगर प्रिंट आंकड़ों को इकट्ठा करता है।

इसके बाद ऑपरेटर इन्हीं उंगलियों के आंकड़ों के साथ अन्य जानकारी जैसे नाम, पता आदि फीड कर देते हैं। इसके बाद जब कोई व्यक्ति इस फिंगर प्रिंट स्केनर पर अपनी उंगली को रखता है फिंगर प्रिंट स्केनर उसकी उंगली की इमेज लेता है और सॉफ्टवेयर में फिंगर प्रिंट डाटा पहले से स्टोर किस डाटा से मैच करता है, डाटा मैच होने पर जानकारी सामने आ जाती है। इस तरह कर्मचारी के द्वारा हाजिरी लगा दी जाती है।