मातृ नवमी पर होगा मातृ-पितरों का तर्पण
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। पितृ पक्ष में लोग नियमित रूप से बैनगंगा तटों पर तर्पण एवं श्राद्ध कर्म कर रहे हैं। पितृ पक्ष में पितरों के तर्पण के लिये विशेष व्यवस्थाएं बनायी गयी हैं।
पितरों को तिथि के अनुसार तर्पण कर श्राद्ध कर्म किया जाता है। भूले बिसरे पितरों के लिये पितृ मोक्ष अमावस्या को पिण्डदान किया जाता है जबकि, मातृ नवमीं को मातृ पितरों को तर्पण एवं श्राद्ध कर्म के लिये निर्धारित किया गया है। मातृ नवमीं 23 सितंबर को है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मातृ नवमीं के दिन मातृ पितरों को पिण्डदान करने की प्रधानता है। मातृ पितरों को शांति प्रदान करने के लिये इस दिन पवित्र तीर्थ में विधि विधान से तर्पण करना चाहिये। बैनगंगा तटों पर मातृ नवमीं को काफी संख्या में श्रद्धालु तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करने जाते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अंतिम दिन पितृ मोक्ष अमावस्या को कुल के भूले बिसरे सभी पितरों को तर्पण कर सुख – शांति की कामना की जाती है। पितृ पक्ष में पितर बैकुण्ठ धाम से धरती पर आते हैं। मंत्रोच्चार, पूजन और शांति से वे प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष में परिवार में सात्विक भोजन बनाया जाना चाहिये और कलह, विवाद नहीं होना चाहिये। परिवार में अशांति के वातावरण में पितर संतुष्ट नहीं होते हैं। जिस परिवार के पितर असंतुष्ट होते हैं, उस परिवार में देवता संतुष्ट नहीं होते हैं, उपासना सार्थक नहीं होती है।