निजि स्कूलों की धमकी गंभीर मामला है : तिवारी

 

 

जिला शिक्षा अधिकारी को लेना चाहिये एक्शन : कलेक्टर

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा फीस न जमा करने वाले विद्यार्थियों के नाम सोशल मीडिया पर डालने की बात कहना वाकई में गंभीर मामला है। इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को चाहिये था कि पुलिस में संबंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही करते।

उक्ताशय की बात शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक राजेश तिवारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही। उनसे जब प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा जारी की गयी विज्ञप्ति पर उनका पक्ष जानना चाहा गया तो उनके द्वारा दो टूक शब्दों में कहा गया कि अगर इस तरह की बात किसी के द्वारा कही गयी है तो यह निजता का हनन है।

राजेश तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश भी इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा कही गयी बात क्रिमिनल एक्टीविटी की श्रेणी में आता है। किसी भी स्थिति में पालक या विद्यार्थी को बदनाम नहीं किया जा सकता है। इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा अब तक कार्यवाही न किये जाने पर उनके द्वारा आश्चर्य व्यक्त किया गया।

इधर, जब इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल से यह जानना चाहा गया कि इस पूरे प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है, तब इसके जवाब में उनके द्वारा संभागीय मुख्यालय से प्रकाशित एक समाचार पत्र के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया कि फलां अखबार में नहीं छपा है इसका मतलब साफ है कि विज्ञप्ति का प्रकाशन नहीं किया गया है।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्द गजट के द्वारा प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन की विज्ञप्ति का प्रकाशन किया जाकर ब्रहस्पतिवार की सुबह ही इसके लिंक प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर भेज दिये गये थे, जिनका अवलोकन उनके द्वारा तत्काल ही कर लिया गया था।

इस मामले में जिलाधिकारी प्रवीण सिंह ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनके पास इस आशय की शिकायत आयी थी और उनके द्वारा प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को कार्यवाही हेतु बुधवार को ही निर्देशित किया जा चुका है।

ज्ञातव्य है कि प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा बुधवार को एक आपत्ति जनक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया था कि अगर कोई विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा के अंतिम प्रश्न पत्र तक अपनी फीस जमा नहीं करता है तो उसका नाम सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया जाकर उस विद्यार्थी का नाम काटा जाकर उसके नाम की जानकारी अन्य शालाओं को भी भेजी जायेगी ताकि उसे कहीं भी प्रवेश न मिल सके।