सरकारी शिक्षकों की कोचिंग पर सहायक संचालक की छापेमारी

 

शिक्षक संगठन के अध्यक्षों ने कहा हो कड़ी कार्यवाही

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। पाबंदी के बाद भी सरकारी स्कूलों के मास्टर कोचिंग लगा रहे हैं। अब उन पर कार्यवाही के लिये जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक संचालक एस.एस. कुमरे छापेमारी कर रहे हैं। सभी को हिदायत दी जा रही है, कि आगे से कोचिंग पढ़ाते मिले तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। ऐसे शिक्षकों पर कार्यवाही के लिये खुद शिक्षक संगठन भी सामने आया है।

गौरतलब है कि शिक्षकों को शासन इतना वेतन दे रहा है, कि एक बेहतर जीवन जीया जा सकता है। इसके बावजूद कुछ शिक्षक ज्यादा रूपये कमाने के लालच में शासन के निर्देशों की परवाह किये बिना गुपचुप तरीके से चुस्ती से कोचिंग का कारोबार कर रहे हैं, जबकि यही शिक्षक स्कूलों में सुस्त बने रहते हैं। अपने शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन न कर रूपये के लालच में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों का कृत्य निंदनीय है। यह कहना है जिले के विभिन्न शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष व पदाधिकारियों का।

अधिकारी, प्राचार्य दिखायें गंभीरता : शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों, प्राचार्यों से सख्त कार्यवाही का आग्रह करते हुए कहा कि शासकीय शाला के जो शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं, उन पर सख्ती से कार्यवाही की जाये। साथ ही शिक्षकों से भी अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए शिक्षकीय कार्य को प्राथमिकता से करने का आग्रह किया गया है।

अपनी ऊर्जा शालाओं में लगायें : आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष कपिल बघेल का कहना है कि जो ऊर्जा शालाओं में लगानी चाहिये, कुछ शिक्षक वह ऊर्जा कोचिंग में लगा रहे हैं। वही ऊर्जा शाला में दें, तो विद्यार्थी शिक्षा में बेहतर होंगे और उन्हें कोचिंग की आवश्यकता नहीं रहेगी। अभिभावक व बच्चों का शोषण न हो, शिक्षक की गरिमा बनी रहे, यह भी ध्यान रखना चाहिये।

राज्य अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष विपनेश जैन का कहना है कि यदि शासकीय शिक्षक कोचिंग पढ़ा रहे हैं, तो उन पर नियम अनुसार कार्यवाही होनी चाहिये। शिक्षकों से आग्रह किया गया है कि शासन के निर्देशों का पालन करते हुए नियमित रूप से शालाओं में अध्यापक कार्य करें, ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर हो।

संविदा शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष श्रवण डहरवाल का मानना है कि सभी कोंचिग के विरूद्ध हैं। निश्चित तौर पर उन शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही करनी चाहिये, जो आवश्यकता से अधिक धन के लिये कोचिंग पढ़ा रहे हैं। शासन पर्याप्त वेतन दे रहा है, इसके बाद भी कोचिंग पढ़ाना अनुचित है।