आरटीओ में चल रहे चमड़े के सिक्के!

 

 

आपत्ति के बावजूद दे दिया बस को परमिट!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में बाबूराज जमकर हावी हो चुका है। एक बस के संचालक के द्वारा आपत्ति लगाये जाने के बावजूद भी उनकी बस से महज पाँच मिनिट पहले एक अन्य वाहन को परमिट जारी करने का मामला प्रकाश में आया है। महज़ 12 दिन में यह शिकायत लेवल तीन अधिकारी तक पहुँच गयी है।

परिवहन कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि टेटमा (धारना) से बरघाट के लिये परिवहन विभाग के द्वारा रवि शंकर तिवारी को बस क्रमाँक एमपी 41 पी 0126 को परमिट जारी किया गया था। तत्कालीन क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी क्षितिज सोनी के द्वारा 26 जून को इसी मार्ग पर इस बस से महज पाँच मिनिट पहले ही एक अन्य बस को परमिट जारी कर दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि परिवहन विभाग के कार्यालय में बाबूराज किस कदर हावी है इसकी एक बानगी यह मामला है। इस मामले में एमपी 41 पी 0126 के महज पाँच मिनिट पहले बस नंबर एमपी 22 पी 0397 को परमिट जारी कर दिया गया। इस मामले में रवि शंकर तिवारी के द्वारा परिवहन अधिकारी के समक्ष लिखित रूप से आपत्ति भी दर्ज करवायी गयी थी।

सूत्रों ने बताया कि यह परमिट महज दो माह के लिये जारी किया गया था। इस दौरान रवि शंकर तिवारी के द्वारा आपत्ति लगाये जाने के उपरांत परिवहन अधिकारी ने रवि शंकर तिवारी को यह कहकर शांत करवा दिया था कि दो माह के बाद इस परमिट को निरस्त कर दिया जायेगा।

सूत्रों ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में बाबूराज इस कदर हावी है कि रवि शंकर तिवारी की आपत्ति के बाद भी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जब 29 और 30 अगस्त को मुख्यालय से बाहर थे तब उनके हस्ताक्षरों से एमपी 22 पी 0397 यात्री बस को एमपी 41 पी 0126 के महज पाँच मिनिट पहले ही परमिट जारी कर दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि इससे क्षुब्ध होकर रवि शंकर तिवारी के द्वारा 04 सितंबर को सीएम हेल्प लाईन में शिकायत क्रमाँक 9136053 नंबर पर एक शिकायत दर्ज करवायी गयी है। इस शिकायत का निराकरण परिवहन अधिकारी कार्यालय के द्वारा यह कहकर कर दिया गया है कि यह परमिट अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत जारी किया गया है। अगर रवि शंकर तिवारी को इसमें कोई आपत्ति है तो वे एसटीए में जाकर अपील कर सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों की दखल बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। लाईसेंस बनवाने से लेकर परमिट, फिटनेस आदि तक के लिये आवेदकों को सीधे काम करवाने में इन लोगों के कारण बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि वैसे भी टेटमा से बरघाट के बीच ज्यादा ट्रेफिक नहीं होने के कारण यहाँ महज पाँच मिनिट के अंतर पर दो यात्री बसों को परमिट जारी करना समझ से परे ही है। अगर इस तरह के परमिट भारी यातायात वाले नागपुर जबलपुर मार्ग पर दिये जाते तो समझा जा सकता था!

(क्रमशः जारी)