(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। नवरात्र प्रतिपदा छः अप्रैल से नव संवत्सर 2076 प्रारंभ होगा। साथ ही ग्रहों के स्थान में परिवर्तन होगा, जिसका प्रभाव देश की राजनीति, जलवायु, कृषि और शिक्षा – स्वास्थ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ेगा।
वहीं विभिन्न राशियों पर शुभ – अशुभ प्रभाव होगा। परस्पर विरोधी ग्रह शनि राजा और सूर्य मंत्री होंगे। इनके टकराव से वर्ष भर राजनीतिक उथल – पुथल और जलवायु का असंतुलन बना रह सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सनातन धर्म पंचांग में संवत्सर का नाम परिधावी है। राजा और मंत्री के अलावा अन्य ग्रहों के कारण भी विभिन्न क्षेत्र प्रभावित होंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार फलों के स्वामी बुद्ध रहेंगे और फलों का उत्पादन अच्छा होगा। धन के स्वामी मंगल के कारण काले रंग के पदार्थों में महंगाई और अशांति का वातावरण बनेगा। वहीं दूध या रस पदार्थों के स्वामी शुक्र के प्रभाव से रस पदार्थों में अच्छा उत्पादन होगा। फसलों के स्वामी चन्द्रमा के कारण वर्षा ऋतु की फसलों पर अच्छा प्रभाव होगा। राजनीति और आरोग्यता के स्वामी गुरु दोनों क्षेत्रों में संवृद्धि प्रदान करेंगे। वर्तमान परिद़ृश्य में राजनीति के स्वामी गुरु होने के कारण राजनीति का स्तर ऊँचा होने की संभावना है।
राजा, मंत्री का प्रभाव : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राजा शनि और मंत्री सूर्य दोनों प्रभावशाली ग्रह हैं, लेकिन दोनों में तालमेल का अभाव होता है। इसका प्रभाव प्रकृति और व्यक्ति पर पड़ता है। बादल के स्वामी प्रभावशाली ग्रह शनि के प्रभाव से जलवायु के असंतुलन के अंतर्गत सूखा, अति वृष्टि से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वहीं विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने की संभावना रहेगी। मंत्री सूर्य के प्रभाव से महिलाओं एवं शिक्षित युवाओं के लिये नयी योजनाएं, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उन्नति के साथ मौसम के असंतुलन के कारण बीमारियों की आशंका होगी। वहीं इस संवत्सर में अनाज उत्पादन में वृद्धि के साथ धर्म से जुड़े कार्य पूर्ण होने की संभावना रहेगी।
राशियों पर प्रभाव : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तुला, मकर, कुंभ, मीन राशि वालों को शुभ फल, मेष, वृष, मिथुन व कर्क राशि वालों को मिश्रित फल एवं सिंह, कन्या, वृश्चिक व धनु राशि वालों के लिये सामान्य फल रह सकता है।