छात्राओं को स्पर्श करते हैं अधीक्षक के पति!

 

 

0 शिकायतकर्त्ता को ही दे दिया . . . 02

कन्या आश्रम की महिला स्थायी कर्मी ने लगाये संगीन आरोप!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जनजाति कार्य विभाग में अधिकारियों की नाक के नीचे किस तरह का काम हो रहा है इसकी एक बानगी अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम में पदस्थ एक महिला कर्मचारी के द्वारा सहायक आयुक्त को लिखे पत्र में देखने को मिलती है। महिला कर्मचारी के द्वारा आश्रम की अधीक्षिका के पति पर सनसनीखेज आरोप लगाये गये हैं।

जनजाति कार्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आश्रम में पदस्थ दो महिला कर्मचारियों के द्वारा सहायक आयुक्त को आश्रम में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दिये जाने के बाद इस पर कार्यवाही करने की बजाय सहायक आयुक्त के द्वारा शिकायत करने वाली महिला कर्मचारियों को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि एक महिला कर्मचारी के द्वारा अपने कारण बताओ नोटिस के जवाब में बहुत ही सनसनीखेज आरोप लगाये गये हैं। सूत्रों की मानें तो इस जवाब में महिला कर्मचारी ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया है कि मार्च के पहले पखवाड़े में अधीक्षिका के पति के द्वारा आश्रम की चार छात्राओं को कहाँ ले जाया जाता था यह बात कोई नहीं जानता।

सूत्रों ने कहा कि इस मामले में जब भी उक्त कर्मचारी के द्वारा अधीक्षिका से शिकायत की जाती थी तो अधीक्षिका के द्वारा उक्त कर्मचारी को अपने काम से मतलब रखने की हिदायत देते हुए धमका दिया जाता था। इस पत्र में उक्त महिला कर्मचारी ने यह भी लिखा है कि हर रविवार को अधीक्षिका के पति के द्वारा छात्राओं के साथ न केवल कैरम खेला जाता था वरन, उनके शरीर को छुआ भी जाता था।

सूत्रों ने महिला कर्मचारी के द्वारा दिये गये जवाब के संबंध में यह भी कहा कि अधीक्षिका के पति के द्वारा इन महिला कर्मचारियों पर आदेश चलाने और उन्हें मानसिक एवं शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किये जाने के आरोप भी लगाये गये हैं। इतना ही नहीं अधीक्षिका के पति के द्वारा यह तांकझांक भी की जाती थी कि महिला कर्मचारी क्या कर रही हैं और किस हाल में है!

सूत्रों की मानें तो उक्त महिला कर्मचारी के द्वारा दिये गये कारण बताओ नोटिस के जवाब को अगर उच्चाधिकारियों के द्वारा पढ़ ही लिया जाये तो वे भी स्तब्ध हुए बिना नहीं रह सकेंगे। इस पत्र में उक्त महिला कर्मचारी के द्वारा यह भी लिखा गया है कि अधीक्षिका के द्वारा आश्रम के कैमरों को बंद करवा दिया जाता था।

सूत्रों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इस तरह के संगीन आरोप वाले शो कॉज नोटिस के जवाब के बाद सहायक आयुक्त के द्वारा आश्रम अधीक्षिका के खिलाफ कार्यवाही की जाना चाहिये थी किन्तु सहायक आयुक्त के द्वारा उनके खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय शिकायत करने वाली महिला कर्मचारियों को ही निशाना बनाते हुए शो कॉज नोटिस जारी कर दिया गया।

(क्रमशः जारी)