गर्मी के तेवर होते जा रहे तल्ख

 

 

दोपहर में सड़कों पर पसरने लगा सन्नाटा

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। इस वर्ष मार्च माह में ही तापमान में लगातार हो रही बढ़ौत्तरी से लोग बेहाल होने लगे हैं। मई – जून जैसी गर्मी मार्च के अंतिम सप्ताह में पड़ने के कारण मौसम के जानकारों ने यह कयास लगाना आरंभ कर दिया है कि इस वर्ष गर्मी अपने ही रिकॉर्ड तोड़ेगी, जबकि भीषण गर्मी से लोग अभी से परेशान दिख रहे हैं। सिवनी सहित एक दर्जन से ज्यादा जिलों में लू चलने की चेतावनी भी दी गयी है।

इस बार मार्च के महीने में ही गर्मी के तेवर मई – जून के महीनों की याद दिलाने लगे हैं। पिछले एक सप्ताह का रिकॉर्ड देखा जाये तो तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। इससे अब यह उम्मीद जतायी जा रही है कि अधिकतम तापमान इस बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़े सकता है। मार्च के माह में मई – जून जैसी गर्मी पड़ने से लोग बेहाल हैं। पिछले सालों के रिकॉर्ड को देखा जाये तो कभी इस माह में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नही पहुँचा है। पिछले साल अवश्य 31 मार्च को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुँच गया था।

मौसम विभाग के सूत्रों ने मौसम के पूर्वानुमान के हिसाब से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि ब्रहस्पतिवार को दिन में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस एवं रात में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 39 तो शनिवार को यह दिन में बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा स्पर्श कर सकता है।

स्कूल हो गये हैं आरंभ : अनेक निजि स्कूलों में शैक्षणिक सत्र आरंभ हो गया है, वहीं 01 अप्रैल से घोषित तौर पर शैक्षणिक सत्र आरंभ हो जायेगा। आने वाले दिनों में पारा और बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। शालाओं का समय संभवतः 01 बजे तक रहने से तपती दोपहर में विद्यार्थियों को शाला से घर लौटने पर मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। जिला प्रशासन को चाहिये कि गर्मी के प्रकोप को देखते हुए अप्रैल माह में शालाओं के छूटने का समय बारह बजे या इसके पहले का ही यदि सुनिश्चित किया जाता है तो विद्यार्थियों को राहत दिलवायी जा सकती है।

मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि मौसम विभाग के द्वारा यह चेतावनी भी दी गयी है कि ब्रहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के विदर्भ, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से सटे जिलों में लू भी चल सकती है। इसमें सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, ग्वालियर, चंबल, धार, खरगोन, रीवा, सतना, रतलाम, मंदसौर, नीमच, टीकमगढ़, छतरपुर जिले शामिल हैं।