(टूप सिंह पटले)
अरी (साई)। विकास खण्ड बरघाट में हिर्री नदी एवं फॉरेस्ट के नालों से रेत का अवैध उत्खनन और चोरी पर सरकार बदलने के बावजूद नकेल नहीं कसी जा सकी है। उम्मीद तो सरकार बदलते ही यहाँ ताबड़तोड़ कार्रवाई होने की थी, लेकिन रेत माफियाओं की रफ्तार में और भी तेजी आ गयी है। रेत माफियाओं से सांठगांठ कर पुलिस मालामाल हो रही है।
एक ट्रैक्टर को छोड़ दूसरे पर कार्यवाही : प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस थाना अरी में पदस्थ प्रधान आरक्षक हिरेशी नागेश्वर के द्वारा रेत खदान से शनिवार को सुबह सात बजे अरी नदी पर दो ट्रैक्टर भरे हुए एवं एक खाली ट्रैक्टर पकड़ा गया। उनके द्वारा इनको अरी थाने ले जाया गया। बताया जाता है कि ये ट्रैक्टर गंगेरूआ के एक प्रभावी नेता का होने के कारण उसे छोड़ दिया गया।
एडिशनल एसपी को दी थी सूचना : बताया जाता है कि इस मामले में किसी के द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी जानकारी दी गयी थी। इसके बाद भी थाना प्रभारी के द्वारा इन ट्रैक्टर पर कार्यवाही किये बिना ही उन्हें छोड़ दिया गया।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र में लगभग 25 से 30 ट्रैक्टर रोजाना खमरिया, उसरी, शुक्ला, गोकलपुर, ताखला कला, दुल्हापुर, दौंदीवाड़ा सहित दर्जनों खदानों से अवैध रेत का परिवहन रात के अंधेरे में कर रहे हैं। गत दिवस पकड़े गये ट्रैक्टरों की पकड़ा धरी एवं सौदेबाजी की सूचना एडिशनल एसपी को रात्रि 09 बजे दी गयी थी।
वहीं, पुलिस कर्मियों के बीच चल रहीं चर्चाओं को अगर सही माना जाये तो रेत माफिया के द्वारा हर माह पाँच – पाँच हजार रूपये की राशि पुलिस को दिये जाने के एवज में पुलिस के द्वारा इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जाती है। लोगों की मानें तो रात दो बजे से सुबह तक रेत का अवैध करोबार जमकर चलता रहता है। इस मामले में खनिज विभाग के अधिकारी भी हाथ पर हाथ रखे ही बैठे दिखते हैं।
थाने में कुछ काम के लिये एक ट्रैक्टर रेत बुलायी गयी थी, यह मसला आप लोगों को समझ में नहीं आयेगा.
नीलू उईके,
थाना प्रभारी, अरी.