रेलवे के अण्डरब्रिज बने परेशानी का सबब

 

अण्डरब्रिज में भर रहा पानी, राहगीर हो रहे परेशान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर के बीच ब्रॉडगेज़ रेल लाईन के लिये दर्जनों अण्डरब्रिज बनाये गये हैं। आवागमन को सुचारु रखने बनाये गये अण्डरब्रिज क्षेत्रवासियों के लिये मुसीबत का कारण बना रहे हैं।

सिवनी से नैनपुर के बीच डुंगरिया, भोमा, कान्हीवाड़ा, पलारी, केवलारी सहित अन्य स्थानों पर रेलवे ने अण्डरब्रिज का निर्माण कराया है। हालांकि कुछ अण्डरब्रिज का निर्माण अभी पूरा होना बाकी है। लेकिन रेलवे ठेकेदार द्वारा तैयार किये गये ज्यादातर अण्डरब्रिज में बारिश का पानी जमा हो रहा है।

पानी निकासी की व्यवस्था ना होने से थोड़ी सी बारिश में ही अण्डरब्रिज पानी से लबालब हो जाते हैं। घुटनों तक पानी भरा होने के कारण आम लोगों को घंटों पानी के कम होने का इंतेजार करना पड़ता है। रेलवे अधिकारियों की माने तो अभी अण्डरब्रिज के काम अधूरे हैं। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अण्डरब्रिज में पानी के जमा होने की समस्या समाप्त हो जायेगी।

10 से 12 फीट गहरायी में अण्डरब्रिज : सिवनी से नैनपुर के बीच पलारी व केवलारी में 10 से 12 फीट गहरायी में वाहनों की निकासी के लिये रेलवे ठेकेदार द्वारा अण्डरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। बारिश के पानी की सही तरह से निकासी के लिये अण्डरब्रिज में लगभग 500 से 550 मीटर नाली (ड्रेनेज) बनायी जा रही है।

वहीं, पलारी अण्डरब्रिज में बारिश का पानी जमा होने का कारण ड्रेनेज का निर्माण पूरा नहीं होना बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण जल्द ही पूरा करा लिया जायेगा ताकि अण्डरब्रिज में हो रहे जल जमाव को समाप्त किया जा सके। वहीं डुंगरिया, भोमा व कान्हीवाड़ा में तैयार किये गये अण्डरब्रिज भी लोगों के लिये दिक्कत का कारण बने हुए हैं।

तीन दिन बाद भी नहीं निकला अण्डरब्रिज में जमा पानी : रेलवे संघर्ष समिति व आम लोगों का आरोप है कि तकनीकी खामियों के कारण रेलवे के अण्डरब्रिज में पानी का भराव हो रहा है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष खुमान सिंह ने थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर के साथ गत दिवस कान्हीवाड़ा में बने अण्डरब्रिज का दौरा किया। बारिश थमने के तीन दिन बाद भी अण्डरब्रिज में बारिश का पानी जमा होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि रेलवे विभाग व ठेकेदार द्वारा सुधार के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं।