पानी के पाऊच की बोरियां, खाली पाऊच उड़ते हैं जंगलों में!
(आगा खान)
कान्हीवाड़ा (साई)। कान्हीवाड़ा के जंगलों में शराब की खाली बोतलें, पानी के खाली पाऊच, नमकीन, मेवों के पैकेट्स, सिगरेट के डुड्ढे आदि बहुतायत में पड़े होने से जंगलों में न केवल पर्यावरण का नुकसान हो रहा है वरन यह चर्चा भी तेजी से चल रही है कि आखिर जंगलों में इन चीजों का उपभोग कौन कर रहा है।
कहा जा रहा है कि कान्हीवाड़ा क्षेत्र के जंगलों में चल रही जुए की फड़ों में जुआरियों के आमोद प्रमोद के लिये इन सामग्रियों को बुलवाया जाता है और इनके उपभोग के बाद शराब की खाली बोतलों, पानी, नमकीन, मेवों आदि के खाली पाऊच आदि को लावारिस हालत में ही छोड़ दिया जाता है।
कान्हीवाड़ा थाना सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कान्हीवाड़ा क्षेत्र के जंगलों में जुए की फड़ें बेखौफ संचालित हो रही हैं। इन जुए की फड़ों का स्थान एक-दो दिन में बदल दिया जाता है, जिसके चलते इस तरह की गंदगी जंगलों में कई स्थानों पर देखने को मिल जाती है।
सूत्रों की मानें तो कभी जुए की फड़ें छुई के आसपास की नर्सरी क्षेत्र में संचालित होती हैं तो कभी जाम के घने जंगलों में फड़ें आबाद होती है। यदा कदा मोरडोंगरी के पास के जंगलों में इन्हें संचालित किया जाता है। इन जुए की फड़ों में जुआरियों को पहुँचाने के लिये फड़ संचालकों के द्वारा अपने गुर्गों को पाबंद करके रखा गया है।